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Stubble Burning: पंजाब में एक दिन में 3,916 जगहों पर खेतों में लगाई गई आग, सूची में मुख्यमंत्री का जिला सबसे ऊपर

इस वर्ष रही असामान्य बारिश के कारण धान की कटाई में देरी से गेहूं की बुवाई के लिए किसानों के पास काफी कम समय बचा है. इसलिए किसान पराली में आग लगाकर जल्द से जल्द उसे खत्म कर खेतों को खाली कर रहे हैं.

मनीष कुमार
अधिकारियों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम पंजाब और सीमा से लगते हरियाणा के कुछ जिलों में पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी आई है. (थंबनेल-कृषि जागरण टीम, फोटो-सोशल मीडिया)
अधिकारियों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम पंजाब और सीमा से लगते हरियाणा के कुछ जिलों में पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी आई है. (थंबनेल-कृषि जागरण टीम, फोटो-सोशल मीडिया)

पंजाब में बीते सप्ताह एक दिन में पराली जलाने के 3,916 मामले दर्ज किए गए. यह धान कटाई सीजन के एक दिन में अब तक की सबसे अधिक घटनाएं हैं. एक आंकड़े के मुताबिक राज्य में हर साल 180 लाख टन धान की पुआल पैदा होती है.

राज्य के रिमोट सेंसिंग के अनुसार, 15 सितंबर से 11 नवंबर तक खेतों पर पराली में आग की कुल 40,677 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं. इसी अवधि में 2020 और 2021 में, राज्य में 69,333 और 55,573 मामले रिकॉर्ड किए गए थे.

पराली में आग लगाने की सबसे अधिक घटनाएं राज्य की मालवा बेल्ट में रिकॉर्ड की गईं. अधिकारियों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम पंजाब और सीमा से लगते हरियाणा के कुछ जिलों में पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी आई है. इसका कारण है कि 15 नवंबर तक किसान गेहूं की बुवाई करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा दी गई समय सीमा को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.

राज्य रिमोट सेंसिग द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, बठिंडा 523 मामलों के साथ पराली में आग लगाने की घटनाओं की सूची में सबसे ऊपर है. इसके बाद मोगा 446 और मुक्तसर 434, फाजिल्का 385, फिरोजपुर 305, बरनाला और लुधियाना 296 प्रत्येक, फरीदकोट 280, संगरूर 233 और पटियाला में 114 खेतों में आग लगाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं.

राज्य में अब तक पराली जलाने की कुल घटनाओं में पंजाब के सीएम भगवंत मान का गृह जिला संगरूर 5,016 मामलों के साथ सबसे ऊपर है.

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मानवाधिकार आयोग ने लगाई राज्य सरकारों को फटकार

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पराली के कारण बढ़ते वायु प्रदूषण पर पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के साथ बैठक की. इस दौरान एनएचआरसी ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को लेकर किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए चारों राज्यों की सरकारें जिम्मेदार हैं. पराली जलाना बारहमासी समस्या बन चुकी है.

English Summary: Stubble Burning case rises in Punjab 3,916 places were set on fire in a single day Chief Minister's district tops the list Published on: 14 November 2022, 03:23 PM IST

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