श्रीलंकाई कार्बनिक कृषि क्षेत्र के मुख्य स्तंभ में से एक श्री रंजीत डी सिल्वा का निधन हो गया, जबकि उनकी लंबी बीमारी की दवा। रणजीत विभिन्न समुदाय के नेतृत्व वाले संघर्षों पर मजबूत नेता थे। श्रीलंका में कार्बनिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए उन्होंने कई अलग-अलग काम किए हैं। रंजीत 9 0 के दशक में आईएफओएएम एशिया शुरू करने की कुंजी थीं।
आईएफओएएम विकास में उनका योगदान कई गुना रहा है।उनकी दो बेटीयां है जो कनाडा में रहती हैं। गलाहा गामी सेवा (जीएसएस) नामक अपने समुदाय के योगदान से सेवानिवृत्त होने के बाद वह और उनकी पत्नी स्वर्ण कोलंबो में रहत रहे थे।
भानु प्रताप
कृषि जागरण
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