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मसाला बोर्ड ने क्रेता-विक्रेता बैठक का किया आयोजन, जानिए क्या हुआ?

दुनिया में मिर्च और हल्दी के सबसे बड़े निर्यातक देशो में भारत शामिल है. इऩके निर्यात में पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. 2019-20 के दौरान, भारत ने 4,84,000 टन मिर्च और मिर्च उत्पादों का निर्यात किया, जिनका मूल्य 6211.70 करोड़ रुपये था. जिनकी मात्रा के आधार पर भारत के कुल मसाला निर्यात में 40 फीसदी से अधिक और मूल्य के आधार पर 29 फीसदी हिस्सेदारी है.

मनीशा शर्मा
Chili and Turmeric
Chili and Turmeric

दुनिया में मिर्च और हल्दी के सबसे बड़े निर्यातक देशो में भारत शामिल है. इऩके निर्यात में पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. 2019-20 के दौरान, भारत ने 4,84,000 टन मिर्च और मिर्च उत्पादों का निर्यात किया, जिनका मूल्य 6211.70 करोड़ रुपये था. जिनकी मात्रा के आधार पर भारत के कुल मसाला निर्यात में 40 फीसदी से अधिक और मूल्य के आधार पर 29 फीसदी हिस्सेदारी है.

इसी तरह निर्यात में हल्दी की मात्रा के आधार पर 11 फीसदी और मूल्य के आधार पर 6 फीसदी की हिस्सेदारी है. भारत से 1,36,000 टन  हल्दी का निर्यात होता है, जिसका मूल्य 1216.40 करोड़ रुपये है.

हल्दी अपनी प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुणों की वजह से महामारी के दौर में काफी लोकप्रिय हुई है. इस वजह से उसकी निर्यांत मांग भी बढ़ी है. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही के दौरान मात्रा के आधार पर निर्यात में 42 फीसदी की उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.

मिर्च और हल्दी के लिए क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन मसाला बोर्ड द्वारा किया गया. जिसका फोकस आंध्र प्रदेश है. बैठक में 245 संबंधित पक्षों ने भाग लिया है. बोर्ड द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक 14 क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन किया गया.

किसानों को मिली  फसल की अच्छी कीमत

मसाला बोर्ड के चेयरमैन और सचिव डी. साथियान ने क्रेता-विक्रेता बैठक की सफलता के बारे में कहा इसके जरिए सुदूर क्षेत्रों में किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिली है, साथ ही किसान और किसान समूहों तक पहुंच भी आसान हुई है. साथियान के अनुसार पिछले साल 185 देशों को 225 श्रेणी में मसालों का निर्यात किया गया है. उन्होंने मसालों में मूल्य संवर्धन  और कारोबारियों को प्रसंस्करण और भंडारण सुविधाओं के लिए मसाला पार्क की उपलब्धता की  भी बात कही है. 

क्रेता-विक्रेता बैठक का उद्घाटन राज्य सभा सांसद और मसाला बोर्ड के सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले दशक में मिर्च का निर्यात लगभग दोगुना हो गया है. उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए सभी क्षेत्रों के एकीकरण करने की जरूरत बताया है. जिससे निर्यात पर, बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी. उन्होंने मसालों में अधिक मूल्य संवर्धन की आवश्यकता पर भी जोर दिया और निर्यातकों से आह्वाहन किया कि मिर्च प्रसंस्करण में निवेश के तरीके और निर्यात में वृद्धि के लिए विचारों के साथ आगे आए.

मसाला बोर्ड और बागवानी विभाग, मिर्च, हल्दी और काली मिर्च जैसे मसालों का उत्पादन करने वाले आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य में लगातार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू कर रहे हैं.

English Summary: Spice Board organizes buyer-seller meeting for chilli and turmeric Published on: 30 January 2021, 04:36 PM IST

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