वैसे तो सौर उर्जा का इस्तेमाल कई जगहों पर किया जाता है, लेकिन अगर सूर्य की किरणों से मुफ्त बिजली मिले, तो हर कोई इसका उपयोग करना चाहेगा. सूर्य की उर्जा को दो प्रकार से विदुत उर्जा यानी इलेक्ट्रिसिटी में बदला जा सकता है.
पहला प्रकाश-विद्युत सेल (photoelectric cell) की सहायता से और दूसरा किसी तरल पदार्थ को सूर्य की गर्मी से भाप बनाकर फिर उससे इलेक्ट्रिक जनरेटर चलाकर बनाया जाता है.
इसी कड़ी में एक खबर ऐसी मिली है, जहाँ जिले के 85 पंजीकृत किसानों को प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा योजना एवं उत्थान महाअभियान का लाभ मिलेगा, जिसके तहत किसानों को सोलर पंप पर अनुदान दिया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप के लिए 40 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा. बाकी 60 फीसदी राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा. तय किए गए समय सीमा के अनुसार 3 जुलाई से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
इच्छुक किसानों को अनुदान के लिए विभागीय वेबसाइट पर आवेदन करना होगा. यह पूरी बुकिंग प्रक्रिया पहले आओ-पहले पाओ के तर्ज पर की जाएगी. साथ ही पंजीकृत किसानों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा.
इंडियन बैंक में किसानों को जमा करनी होगी राशि
किसानों को 40 प्रतिशत धनराशि को इंडियन बैंक कृषि निदेशालय की शाखा लखनऊ में जमा करनी होगी. खाते व अधिक जानकारी के लिए किसान विभाग से संपर्क कर सकते हैं.
कृषि उप निर्देशक के द्वारा तय किया गया लक्ष्य
उप निदेशक कृषि डॉ. अशोक तिवारी के दिए गये दिशानिर्देश के मुताबिक, इस योजना का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. 3 जुलाई से किसान सोलर पंप के लिए बुकिंग करा सकते हैं. किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर योजना का लाभ दिया जाएगा. यानी जो किसान पहले आकर बुकिंग करवाता है, उन्हें पहले प्रावधान दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: रसोई गैस पर 200 रुपए की सब्सिडी मिलेगी या नहीं? इस तरह करें चेक
किसानों को स्वयं करवाना होगा बोरिंग
योजना के तहत किसानों को दो एचपी के लिए चार इंच, तीन व पांच एचपी के लिए छह इंच और 7.5 व 10 एचपी के लिए आठ इंच की बोरिंग कराना अनिवार्य है.
अगर जलस्तर 22 फीट की गहराई पर उपलब्ध है, तो उसके लिए दो फेस सर्फेस सोलर पंप, 50 फीट तक गहराई के लिए दो एचपी सबमर्सिबल पंप, 150 फीट की गहराई पर तीन एचपी और 200 फीट की गहराई पर पांच एचपी, 300 फीट गहराई पर 7.5 एचपी व 10 एचपी के सोलर पंप लगाए जा सकते हैं. बोरिंग के लिए सरकार की ओर से किसानों को धनराशि नहीं दी जाएगी. बोरिंग का कार्य उन्हें स्वयं कराना होगा.
किसानों को इस तरह दिया जाएगा अनुदान का लाभ
दो एचपी डीसी व एसी सर्फेस पंप पर 86,716, दो एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर 88,756, तीन एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप 1,16,710, एसी सबमर्सिबल पंप पर 1,16,076, पांच एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर 1,63,882 और 7.5 एचपी व 10 एचपी सबमर्सिबल पंप पर क्रमश: 2,23,276 व 2,78,582 रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
Share your comments