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SIMFED सबसे बड़े जैविक व्यापार मेले की 3 फरवरी से करेगा मेजबानी, कृषि जागरण निभायेगा मीडिया पार्टनर की भूमिका

देश का सबसे बड़ा जैविक व्यापार मेला “First Expo one Organic North East” गुवाहाटी में आयोजित किया जायेगा. इस तीन दिवसीय मेले की शुरुआत 3 फरवरी, 2023 से होगी. इस मेले में कृषि जागरण मीडिया पार्टनर की भूमिका निभायेगा.

अनामिका प्रीतम
फरवरी में जैविक खेती पर पूर्वोत्तर के पहले एक्सपो की मेजबानी करेगा सिमफेड
फरवरी में जैविक खेती पर पूर्वोत्तर के पहले एक्सपो की मेजबानी करेगा सिमफेड

भारत ने जैविक उत्पाद निर्यात में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है और यह एशिया का जैविक उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. भारत में सबसे लोकप्रिय जैविक उत्पाद तिलहनगन्नाअनाज और बाजराकपासदालेंऔषधीय पौधेचायफल और मसाले हैं. इसी कड़ी में जैविक खेती से जुड़े लोगों के लिए अच्छी और बड़ी खबर है. जी हांकृषि विभाग द्वारा आयोजित होने वाले भारत के सबसे बड़े जैविक व्यापार मेले के पहले संस्करण की घोषणा हो गई है.

तीन दिवसीय व्यापार मेले की शुरुआत

इसके तहत देश का सबसे बड़ा जैविक कृषि व्यापार मेला गुवाहाटी में आयोजित किया जा रहा है. मेले का आयोजन सिक्किम राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (सिमफेड, SIMFED) द्वारा कृषि विभागअसम सरकार के सहयोग से किया जा रहा है. 3 फरवरी से 5 फरवरी तक लगने वाले इस तीन दिवसीय व्यापार मेले में सिमफेड नॉलेज पार्टनर की भूमिका निभायेगा. वहीं कृषि जागरण मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाते नजर आयेगा.

अंतर्राष्ट्रीय जैविक व्यापार मेले का उद्देश्य

उत्पादकों को उपभोक्ताओं के साथ जोड़ने और दुनिया भर में जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने और जैविक कृषि के संपूर्ण मूल्य श्रृंखलाओं के विकास का समर्थन करने के लिए देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में जैविक खेती की क्षमता को महसूस करते हुए इस मेले का आयोजन किया जा रहा हैजिसके पहले संस्करण को पहला एक्सपो वन ऑर्गेनिक नॉर्थ ईस्ट (1st Expo Organic North-east) नाम दिया गया है.

मेले का आयोजन जैविक फसलें उगाने वाले किसानों या उत्पादकों के साथ उपभोक्ता संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है.

कार्यक्रम: पहला एक्सपो वन ऑर्गेनिक नॉर्थ ईस्ट व्यापार मेला (1st EXPO One Organic North east Trade Fair)

स्थान: पशु चिकित्सा महाविद्यालय खेल का मैदानखानापारागुवाहाटीअसम

तारीख: 3 से 5 फरवरी 2023

मेले की मुख्य बातें-

इसमें प्राकृतिकजैविक और निर्यातकृषि व्यवसायबी2बी बैठकेंबी2सी कार्यक्रमअंतरराष्ट्रीय और घरेलू खरीदार प्रतिनिधिमंडलअंतरराष्ट्रीय सम्मेलनकिसान कार्यशालाएं और सरकारी विभाग पवेलियन की प्रमुख कंपनियों की हाई-क्वालिटी एग्जीबिशन शामिल होंगी.

प्रदर्शनी में जैविक और प्राकृतिक उत्पाद ब्रांडों के 160 से अधिक बूथ विभिन्न प्रकार के खाद्य और जैविक उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शकों में निर्यातकखुदरा विक्रेताकिसान समूहजैविक इनपुट कंपनियां और सरकारी एजेंसियां ​​शामिल हैं.

केंद्र और राज्य सरकार के मंडप किसान समूहों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और विपणन सहायता की पेशकश करेंगे.

तृतीय-पक्ष या पीजीएस प्रमाणीकरणनिष्पक्ष व्यापार और स्थिरता मानकों को प्रमाणन एजेंसी मंडपों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी.

खाद्य प्रसंस्करणपैकेजिंगपरीक्षण प्रयोगशालाओंउपकरणनई तकनीकों और स्टार्टअप में शामिल कंपनियों द्वारा व्यवसायों को बढ़ावा दिया जा सकता है.

दुनिया भर के जैविक खेती से जुड़े संघों को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.

क्रेता-विक्रेता बैठकेंमेले का एक अनिवार्य घटकवास्तविक व्यापार करने के लिए आपूर्तिकर्ताओं और किसान समूहों/ एफपीओ के साथ अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खरीदारों (निर्यातकोंथोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं सहित) को एक साथ लाती हैं. B2बैठकें खरीदारों और विक्रेताओं दोनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्धारित हैं. आयोजन स्थल पर एक समर्पित क्रेता विक्रेता लाउंज बनाया गया है.

इसमें दो दिवसीय ज्ञान-साझाकरण सम्मेलन होगा. भारत और दुनिया भर के शीर्ष निर्यातकों को आमंत्रित किया जाएगा. किसानोंव्यापारियों/निर्यातकोंशोधकर्ताओंगैर-सरकारी संगठनों और राज्य और संघीय सरकारों सहित विभिन्न क्षेत्रों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है.

राज्य और देशभर के किसान विशेष कार्यशाला सत्रों में भाग ले सकते हैं. ये सत्र असमियाअंग्रेजी और हिंदी में आयोजित की जाएंगी. इन सत्रों का नेतृत्व जैविक उत्पादन और मूल्य श्रृंखला के विशेषज्ञ करेंगे. इससे प्रतिभागियों को बाजार के रुझानमांगजैविक प्रमाणन प्रक्रियानिर्यात क्षमता और जैविक उत्पादों और प्राकृतिक कृषि व्यवसाय के अन्य पहलुओं की समझ हासिल होगी.

उत्तर पूर्व जैविक खेती के लिए आदर्श

जैसा की सभी जानते हैं कि उत्तर पूर्व, भारत का एक ऐसा क्षेत्र है जो पारंपरिक कृषि पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखता है और अभी तक इसने रासायनिक आदानों पर आधारित गहन कृषि को नहीं अपनाया है. यह क्षेत्र अपनी पारंपरिक कृषि पद्धतियां जैसे अपनी जैव विविधताविभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियोंभूमि और उच्च मूल्य वाली फसलों की स्थानीय किस्मों के लिए जाना जाता है. संक्षेप में कहें तो यह क्षेत्र जैविक खेती के लिए आदर्श है.

पूर्वोत्तर क्षेत्र आमतौर पर काला चावललाल चावलजोहा चावल, लहसुनराजा मिर्चकीवीखासीमंदारिनकचाईनींबूहरी मिर्चएवोकैडोअनानसअदरक और लाकाडोंग जैसे टिकाऊ जैविक कृषि के लिए जाना जाता है.

इसने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए काफी अवसर प्रदान किए हैं. किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से क्षेत्र से निर्यात की जा सकने वाली अधिक मात्रा वाले कई अनूठे और निर्यात योग्य उत्पादों के उत्पादन की पहल पहले ही की जा चुकी है. जैविक मूल्य श्रृंखला योजना के तहत1.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 1.9 लाख किसानों को बढ़ावा दिया गया हैजहां 345 कृषि उत्पादक कंपनियां विभिन्न फसलों के मूल्यवर्धन के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं

ये भी पढ़ेंः सबसे बड़ा जैविक व्यापार मेला 3 फरवरी से शुरू, कृषि जागरण मीडिया पार्टनर के तौर पर निभायेगा भूमिका

ऐसे में सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (सिमफेड, SIMFED) द्वारा आयोजित होने वाला पहला एक्सपो वन ऑर्गेनिक नॉर्थ ईस्ट (1st Expo Organic North-east) व्यापार मेला किसानों के लिए लाभकारी साबित होगा.

English Summary: SIMFED will host the biggest organic trade fair from February 3, Krishi Jagran will play the role of media partner Published on: 17 January 2023, 12:58 PM IST

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