देश का सबसे बड़ा जैविक व्यापार मेला “Expo one Organic North East” गुवाहाटी में आयोजित किया गया है. इस तीन दिवसीय मेले की शुरुआत आज, 3 फरवरी, 2023 से हो चुकी है. इस मेले में कृषि जागरण मीडिया पार्टनर की भूमिका निभा रहा है.
SIMFED कर रहा मेजबानी
3 फरवरी से 5 फरवरी तक चलने वाले इस जैविक मेले का आयोजन सिक्किम राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (सिमफेड, SIMFED) द्वारा कृषि विभाग, असम सरकार के सहयोग से किया जा रहा है. पहला एक्सपो वन ऑर्गेनिक नॉर्थ-ईस्ट 2023, 3 से 5 फरवरी तक गुवाहाटी के खानापारा वेटरनरी कॉलेज मैदान में आयोजित किया जा रहा है.
एक्सपो वन ऑर्गेनिक नॉर्थईस्ट 2023 का उद्देश्य
मेले का आयोजन पूर्वोत्तर में किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर आकर्षित करने के लिए किया गया है. इसके साथ ही इसका मकसद जैविक फसलें उगाने वाले किसानों या उत्पादकों के साथ उपभोक्ता संबंध स्थापित करना भी है.
देश में पहली बार इस मेले का आयोजन जैविक उत्पादकों को उपभोक्ताओं से जोड़ने, वैश्विक स्तर पर जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने और संपूर्ण मूल्य श्रृंखला विकसित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
इसमें प्राकृतिक, जैविक और निर्यात, कृषि व्यवसाय, बी2बी बैठकें, बी2सी कार्यक्रम, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खरीदार प्रतिनिधिमंडल, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, किसान कार्यशालाएं और सरकारी विभाग पवेलियन की प्रमुख कंपनियों की हाई-क्वालिटी एग्जीबिशन शामिल हैं.
प्रदर्शनी में जैविक और प्राकृतिक उत्पाद ब्रांडों के 160 से अधिक बूथ विभिन्न प्रकार के खाद्य और जैविक उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शकों में निर्यातक, खुदरा विक्रेता, किसान समूह, जैविक इनपुट कंपनियां और सरकारी एजेंसियां शामिल हैं.
केंद्र और राज्य सरकार के मंडप किसान समूहों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और विपणन सहायता की पेशकश कर रहे हैं.
कृषि मंत्री अतुल बोरा ने मेले का किया उद्घाटन
मेले का विधिवत उद्घाटन असम राज्य के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने आज शुक्रवार, फरवरी को किया. इस दौरान मंत्री अतुल बोरा ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस एक्सपो से किसानों को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम सरकार ने भी जैविक खेती पर विशेष जोर दिया है. इस संदर्भ में माजुली को जैविक हब घोषित करने के लिए आवश्यक उपाय किए गए हैं. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग ने माजुली में 1,200 हेक्टेयर कृषि भूमि पर पहले ही जैविक खेती शुरू कर दी है. कृषि मंत्री ने बड़े गर्व से कहा कि असम की धरती पर पैदा होने वाली 200 करोड़ रुपये की फसल विदेशों में बिकती है.
देश के विभिन्न जगहों से भाग लेने पहुंचे प्रतिनिधि
इस जैविक व्यापार मेले में असम और उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और झारखंड सहित अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. कृषि मंत्री ने बड़े गर्व से कहा कि असम की धरती पर पैदा होने वाली 200 करोड़ रुपये की फसल विदेशों में बिकती है.
उत्तर पूर्व जैविक खेती के लिए आदर्श
जैसा की सभी जानते हैं कि उत्तर पूर्व, भारत का एक ऐसा क्षेत्र है जो पारंपरिक कृषि पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखता है और अभी तक इसने रासायनिक आदानों पर आधारित गहन कृषि को नहीं अपनाया है. यह क्षेत्र अपनी पारंपरिक कृषि पद्धतियां जैसे अपनी जैव विविधता, विभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियों, भूमि और उच्च मूल्य वाली फसलों की स्थानीय किस्मों के लिए जाना जाता है. संक्षेप में कहें तो यह क्षेत्र जैविक खेती के लिए आदर्श है.
पूर्वोत्तर क्षेत्र आमतौर पर काला चावल, लाल चावल, जोहा चावल, लहसुन, राजा मिर्च, कीवी, खासी, मंदारिन, कचाई, नींबू, हरी मिर्च, एवोकैडो, अनानस, अदरक और लाकाडोंग जैसे टिकाऊ जैविक कृषि के लिए जाना जाता है.
इसने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए काफी अवसर प्रदान किए हैं. किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से क्षेत्र से निर्यात की जा सकने वाली अधिक मात्रा वाले कई अनूठे और निर्यात योग्य उत्पादों के उत्पादन की पहल पहले ही की जा चुकी है. जैविक मूल्य श्रृंखला योजना के तहत, 1.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 1.9 लाख किसानों को बढ़ावा दिया गया है, जहां 345 कृषि उत्पादक कंपनियां विभिन्न फसलों के मूल्यवर्धन के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं.
ऐसे में सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड (सिमफेड, SIMFED) द्वारा आयोजित होने वाला ‘पहला एक्सपो वन ऑर्गेनिक नॉर्थईस्ट 2023’ व्यापार मेला किसानों के लिए लाभकारी साबित होगा.
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