Sri Anna Mahotsav in UP: मिलेट्स और उनकी खेती के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, यूपी सरकार 27 से 29 अक्टूबर, 2023 तक श्री अन्न महोत्सव का आयोजन करेगी. यह तीन दिवसीय कार्यक्रम राज्य के जुपिटर हॉल, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम का उद्देश्य मिलेट्स के उपयोग को बढ़ावा देना और प्रगतिशील किसानों के प्रयासों को पहचानना है जिन्होंने मिलेट्स उत्पादन में योगदान दिया है. वहीं, कृषि कुंभ से ठीक पहले होने वाले इस कार्यक्रम का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्घाटन करेंगे. श्री अन्न महोत्सव एक राज्य स्तरीय कार्यशाला होने जा रही है जहां विभिन्न डिवीजन के किसान अपने अनुभव और ज्ञान साझा करने के लिए एक साथ आएंगे.
उद्घाटन के दिन छह डिवीजन के किसान मिलेट्स की खेती और खपत पर चर्चा करने के लिए जुटेंगे. दूसरे दिन पांच डिवीजन के किसान भाग लेंगे और अंतिम दिन सात डिवीजन के किसान इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. कुल मिलाकर, प्रत्येक डिवीजन से पचास प्रगतिशील किसान इस पहल का हिस्सा होंगे.
श्री अन्न महोत्सव का मुख्य उद्देश्य
श्री अन्न महोत्सव का मुख्य उद्देश्य राज्य के भीतर मिलेट्स की खेती और खपत के बारे में आम जनता और किसानों दोनों के बीच जागरूकता पैदा करना है. गौरतलब है कि मिलेट्स अपने अनगिनत स्वास्थ्य लाभों और टिकाऊ कृषि में अपनी भूमिका के लिए दुनिया भर में अपनी जगह बना रहा है.
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मिलेट्स को और बढ़ावा देने के लिए, कार्यक्रम के दौरान विभिन्न मिलेट्स-आधारित खाद्य उत्पादों के लगभग 40 स्टॉल लगाए जाएंगे. इससे उपस्थित लोगों को मिलेट्स से बने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का स्वाद चखने और उनकी सराहना करने का मौका मिलेगा.
किसानों को किया जायेगा सम्म्मानित
मिलेट्स को लेकर जागरूकता को बढ़ावा देने के अलावा, राज्य सरकार ने उन किसानों को सम्मानित करने की योजना की भी घोषणा की है जिन्होंने मिलेट्स उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा किसानों को मिलेट्स की खेती के प्रति जागरूक करने और राज्य भर में इसकी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना
श्री अन्न महोत्सव न केवल मिलेट्स का उत्सव है बल्कि उन्हें उत्तर प्रदेश के कृषि परिदृश्य का एक प्रमुख हिस्सा बनाने की दिशा में एक कदम है. इस मुहीम में किसानों को शामिल करके, सरकार को मिलेट्स क्रांति की शुरुआत करने की उम्मीद है जो न केवल टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगी बल्कि इसके सेवन से नागरिकों के स्वास्थ्य और पोषण में भी सुधार होगी.
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