मध्य प्रदेश के जवाहर नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कई वैज्ञानिकों ने बीजों के उत्तम किस्म के उत्पादन के लिए विचार विमर्श किया। जाने माने वैज्ञानिकों की इस बैठक का प्रमुख उद्ददेश्य विवि की जान और पहचान जवाहर बीज के बारे में जानकारी प्रदान करना था। बैठक की अध्यक्षता करने वाले कुलपति डॉ बिसेन ने बातया कि हमारे विवि का कोई भी बीज चाहे वह प्रजनक बीज, आधार बीज या प्रमाणित बीज हो को उत्तम गुणवत्ता और सही मानक तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी वैज्ञानिक व अधिकारी सही दिशा में कार्य करेंगे तो हमारे अन्नदाता को काफी ज्यादा फायदा होगा। इसीलिए ये बेहद ज्यादा जरूरी है कि सही रणनीति के तहत बीजोत्पादन पर ध्यान दिया जाए। वही दूसरी ओर संचालक डॉ शरद तिवारी ने बताया कि रबी मौसम के लिए विवि के विभिन्न प्रक्षेत्रों में तैयार उत्तम गुणवत्तायुक्त बीज भी उपलब्ध है। इसके अलावा यदि किसी को बटरी, मटर, सब्जी के बीजों को सिंगल विंडो के जरिए भी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यदि विवि में अन्य किस्मों की पैदावार की बात करें तो गेहूं, सब्जी, मटर और काशी नंदिनी की कई तरह की किस्में उपलब्ध है।
बाजरे का भंडारण शुरू
वैज्ञानिकों के मुताबिक ये वक्त बाजरा पकने के लिए काफी ज्यादा अनुकूल है। जिन इलाकों में बाजरे की फसल हो रही है वहां पर धूप के निकलने से बाजरा काफी अच्छी तरह से पकेगा। वैज्ञानिकों की माने तों अक्टूबर का महीना बाजरा की कटाई के लिए काफी अच्छा माना जाता है। साथ ही बाजरे के दानों के भंडारण के लिए भी अभी से ही तैय़ारी शुरू कर देनी चाहिए। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को सही तरह से तैयारी कर लेनी चाहिए।
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण
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