भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने टमाटर की एक ऐसी किस्म को तैयार किया है जिसमें से एक पौधे पर 19 किलो तक टमाटर आ सकता है। वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई टमाटर की इस किस्म का नाम अर्का रक्षक है। कई किसान इस खेती को अपनाकर अपनी आमदनी को बढ़ाने की कोशिश कर रहे है। इस टमाटर की सबसे खास बात यह है कि बीज को कही बाहर से नहीं मंगाया नहीं गया है बल्कि इसको ‘भारतीय बागवानी अनुंसधान’ ने तैयार किया है।
कैसे पड़ा नाम
इसका नाम अर्का रक्षक इसीलिए रखा गया है क्योंकि भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान अर्कावथी नदी के किनारे पर स्थित है। इस समय अरका रक्षक और रका समर्थ किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे है।
कर्नाटक में इस प्रजाति की अधिक उपज
इस संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक और सब्जी फसल डिवीजन के प्रमुख एटी सदाशिव ने आईआईएचआर के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियों में कहा है कि आंकड़ों के मुताबिक टमाटर की ये प्रजाति कर्नाटक में सबसे ज्यादा उपज देने वाली साबित हुई है। यह टमाटर तीन तरह के रोगों से खुद से लड़ने में काफी सक्षम है। इसकी पत्तियों में लगने वाले कर्ल वायरस, विल्ट विषाणु, और फसल के शुरूआती दिनों में लगने वाली विल्ट जीवाणु से सफलतापूर्वक लड़ने की क्षमता इसमें मौजूद है। इसकी खेती में अन्य टमाटर के मुकाबले करीब 10 फीसदी कम लागत आती है
बेहतर है इस प्रजाति की पैदावर
टमाटर की संकर प्रजाति की अन्य पौधों में सबसे ज्यादा उपज 15 किलो तक रिकॉर्ड की गई है। सदाशिव के मुताबिक, कर्नाटक में टमाटर का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 35 टन है, वही अर्का रक्षक टमाटर की प्रजाति का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 190 टन तक हुआ है। इसके फल 75 से 80 ग्राम का होता है। इसकी खेती खरीफ व रबी के मौसम में की जाती है जो कि 140 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी प्रति एकड़ 40-50 टन पैदावार हो जाती है।
किशन अग्रवाल, कृषि अग्रवाल
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