कृषि वैज्ञानिक किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती बाड़ी को और अच्छे तरीके से करने के लिए अकसर बीजों की नई-नई किस्में ईजाद करते रहते हैं. इस क्रम में उत्तर प्रदेश के कानपुर की चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय ने दलहन व तिलहन की 5 नई प्रजातियां ईजाद कर ली हैं.
खबरों के मुताबिक, इन प्रजातियों को नोटिफिकेशन के लिए कृषि सहकारिता व किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture Cooperation and Farmers Welfare ) के पास भेज भी दिया गया है.
किसानों के आमदनी में होगा इजाफा
बता दें, कि तिलहन व दलहन की यह प्रजातियां 2021 में किसानों के खेतों तक पहुंच जाएंगी. इससे उनकी आमदनी में काफी इजाफा होगा. खबरों के मुताबिक, लॉकडाउन से पहले सरसों की दो प्रजातियां 'आजाद महक व आजाद चेतना' ईजाद कर ली गईं थीं. इसके अलावा अलसी की दो व मसूर की एक नई प्रजाति भी कृषि वैज्ञानिकों ने विकसित कर लिया है.
बीजों का उत्पादन हुआ शुरू
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (Chandrasekhar Azad University of Agriculture and Technology) में विकसित अलसी की अर्पणा प्रजाति बीजों का उत्पादन भी शुरू है. अब इसे उत्तर प्रदेश के अधिकतम किसानों के खेतों तक पहुंचाने की तैयारी है. इसके अलावा Chandrasekhar Azad University of Agriculture and Technology के कृषि वैज्ञानिक इस वर्ष ईजाद की गई बीजों की बाकी प्रजातियों को किसानों तक पहुंचाने की योजना बना रहे हैं.
उत्पादन की 11 नई तकनीक विकसित
खबरों के मुताबिक, उत्पादन के लिए 11 नई तकनीक भी सीएसए ने ईजाद की है. जिसका प्रयोग गेहूं, चावल, जौ, चना, मटर, सरसों, अलसी व शाक भाजी समेत अन्य चीजों के उत्पादन में किसान कर सकेंगे. यह तकनीक किसानों का समय,पानी व लागत बचाएगी.
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