
हिंदी फिल्मों में अपने अनोखे किरदारों से पहचानी जानें वाली आशा पारेख का नाम सबने सुना ही होगा. इन्हें इस साल के दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 2022 से सम्मानित किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अभिनेत्री आशा पारेख के जन्मदिन से कुछ दिन पहले इस बात का ऐलान कर दिया है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा को आज इस मुकाम पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी उपलब्धि को देखते हुए आशा पारेख इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) को भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान है.
जैसे कि आप जानते हैं कि अभिनेत्री आशा पारेख 60 से 70 के दशक में सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में जानी जाती थीं. अब इन्होंने एक्टिंग करना बंद कर दिया है. इसके अलावा इन्हें साल 1992 में सिनेमा के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. इन सब के अलावा आशा पारेख साल 1998 से लेकर 2001 तक सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रही हैं.
दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 2022 के लिए नाम
इस अवॉर्ड के लिए आशा पारेख का नाम पांच सदस्यीय ज्यूरी ने किया है. जिसमें आशा भोंसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लन, टीएस नागभरना और उदित नारायण मौजूद थे. मनोरंजन क्षेत्र में इनके योगदान को देखते हुए आशा पारेख को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 2022 के लिए इनका नाम दर्ज किया गया. बता दें कि ज्यूरी की समिति ने 68 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में आशा पारेख को पुरस्कार देने का फैसला किया है.
आशा पारेख की जीवनी
आशा पारेख का जन्म गुजरात में 2 अक्टूबर 1942 में हुआ था. बचपन में ही उन्होंने अपने करियर की शुरुआत हिंदी सिनेमा में कर दी थी. साल 1992 में इन्होंने फिल्म चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर 'आसमान' साल 1952 में काम किया था. देखा जाए, तो आशा पारेख की पहली फिल्म' दिल देके देखो' थी. यह फिल्म हिंदी सिनेमा से सुपर हिट रही थी. अगर हम इनकी शादी की बात करें तो इन्होंने कभी शादी नहीं की. यह हमेशा से अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों पर राज करती आई है.
आशा पारेख की सबसे लोकप्रिय फिल्म
'जब प्यार किसी से होता है', 'घराना', 'भरोसा', 'मेरे सनम', 'तीसरी मंजिल', 'दो बदन', 'उपकार', 'शिकार', 'साजन', 'आन मिलो सजना' आदि के लोग बेहद दिवाने हैं.
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