महाराष्ट्र में कपास की बढ़ती कीमतों ने सबको हिला कर रख दिया है. दरसअल, राज्य में कपास की कीमत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और मांग बढ़ने से लेकर सीमित आपूर्ति के की वज़ह से आने वाले समय में कपास की कीमतों में और भी उछाल देखने को मिल सकता है.
दामों में ऊंचाई आने की वज़ह जलवायु परिवर्तन और भारी बारिश बताई जा रही है जिससे लगातार नुकसान हो रहा है. और इसी वज़ह से उत्पादन में गिरावट भी देखी जा रही है.
मांग ना पूरी होने की वज़ह से छोटे-बड़े व्यापारी सीधे गांव आ रहे हैं और कपास की मांग भी कर रहे हैं. और जैसे-जैसे इसकी मांग बढ़ रही है. वैसे-वैसे इसकी कीमतों में भी तेज़ी आ रही है.
अगर मांग इस तरह बानी रही तो किसान अपनी मनचाही कीमत पर कपास बेचेंगे, लेकिन ऐसे में किया भी तो क्या किया जाये, क्योंकि इसकी कमी की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी मांग
कपास की बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमत 9 हज़ार रुपये से ज्यादा हो गयी है. इसके अलावा, कपास उत्पादक रोपण से लेकर कटाई तक की भारी लागत के कारण अच्छी कीमत प्राप्त किए बिना बेचना नहीं चाहते है.
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हालांकि अधिक मांग के कारण व्यापारी सीधे किसानों के दरवाजे पर जाकर कपास की मांग कर रहे हैं. व्यापारियों का मानना है किसानों को इसकी उच्च कीमत चाहिए, जिसकी वज़ह से वो अभी कपास नहीं दे पा रहे हैं और उन्हें खाली हाथ वापस आने की नौबत आ रही है.
8 दिनों से हुई वृद्धि
कपास जो 2 महीने पहले 5,200 रुपये प्रति क्विंटल था वो पिछले 8 दिनों में बढ़कर 9,000 रुपये हो गया है. इसके अलावा व्यपारियों का यह कहना है कि गांव में चक्कर लगाने के बाद भी कपास नहीं मिल रहा है. इसलिए अगर भविष्य में दरें बढ़ती हैं तो इसका बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
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