भारत में आने वाले साल में चावल एक्सपोर्ट में अच्छी-खासी बढ़ौतरी होने की उम्मीद है। इंटरनेशनल ग्रेन काउंसिल (आई.जी.सी.) ने 2017-18 में भारत के चावल उत्पादन के अनुमान में 10 फीसदी की बढ़ौतरी की है। काउंसिल के मुताबिक इस दौरान कुल चावल का उत्पादन 11 करोड़ टन हो सकता है। हालांकि, देश में फिलहाल मानसून को लेकर स्थिति साफ नहीं है, लेकिन मौसम विभाग ने सामान्य मानसून रहने की उम्मीद जताई है।
साल 2016 में देश में मानसून सामान्य के आसपास रहा था। ऐसे में सभी खरीफ फसलों के साथ-साथ मुख्य फसल चावल (गैर-बासमती धान) की भी अच्छी फसल हुई थी। ऐसे में साल 2016-17 में देश का कुल चावल उत्पादन 10.85 करोड़ टन रहा है। आई.जी.सी. की पिछले दिनों आई रिपोर्ट में साल 2017-18 में कुल चावल उत्पादन 10.90 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया गया था। लेकिन, अब आई.जी.सी. ने उत्पादन में 10 लाख टन की बढ़ौतरी कर इसे 11 करोड़ टन होना बताया है।
आई.जी.सी. ने साल 2017-18 में चावल के निर्यात में भी बढ़ौतरी की उम्मीद जताई है। मौजूदा साल 2016-17 में देश का कुल चावल निर्यात 104 लाख टन रहने की संभावना है। जबकि, अगले साल के लिए आई.जी.सी. ने इसे 106 लाख टन रहना बताया है। इसका कारण है कि खाड़ी देशों में इस साल क्रूड के दामों में स्थिरता है और अन्य देशों से भी भारतीय नॉन बासमती चावल की डिमांड बढ़ने की संभावना है।
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