रेशम का उत्पादन जितना भारत में फैला है, उतनी ही पुरानी इसके पीछे की कहानी है. अगर बात करें रेशम उत्पादन की शुरुआत की, तो इसकी सबसे पहले खेती चीन में की गई थी. इसके बाद रेशम का उत्पादन जापान, कोरिया और अन्य एशियाई देशों में फैल गया. अब भारत के किसान भी बड़े पैमाने पर इस खेती को अपना रहे हैं.
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने रेशम उत्पादन करने वाले किसानों के लिए बड़ा कदम उठाया है. ‘रेशम समृद्धि योजना’ के तहत किसानों को कीट पालन पर 90% तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी.
कैसे करें रेशम उत्पादन?
रेशम उत्पादन की शुरुआत कीड़ों के पालन की प्रक्रिया से की जाती है. इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है –
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रेशम के कीड़ों का पालन शहतूत, ओक, अरंडी और अर्जुन के पत्तों पर किया जाता है, जिन पर बहुत जल्द कोकून बनना शुरू हो जाता है.
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रेशम के कोकून बनने में लगभग एक महीने का समय लगता है.
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जब रेशम के कोकून तैयार हो जाते हैं, तो उन्हें एकत्र किया जाता है और फिर रेशम को मुलायम करने के लिए उबाला जाता है.
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इसके बाद आगे की प्रक्रिया में इन कोकून से रेशम के धागे निकाले जाते हैं और फिर उन्हें बुनाई के लिए तैयार किया जाता है.
किन किसानों को मिलेगा इस योजना का फायदा?
मध्य प्रदेश सरकार ने रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह अहम कदम उठाया है. इस योजना से न सिर्फ रेशम उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय में भी बड़ा सुधार होगा. इस ‘रेशम समृद्धि योजना’ का लाभ राज्य के सभी किसान उठा पाएंगे.
कितनी मिलेगी सब्सिडी की छूट?
सरकार ने इस योजना की शुरुआत इसलिए की है ताकि राज्य के किसान पारंपरिक खेती के बजाय रेशम की खेती को अपनाएं और अपनी आय में बढ़ोतरी करें. सरकार का लक्ष्य है कि मध्य प्रदेश रेशम उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बने.
सब्सिडी का विवरण इस प्रकार है –
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सामान्य वर्ग के किसानों को सरकार 75% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी.
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अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों को 90% तक का अनुदान मिलेगा.
कुल मिलाकर देखा जाए तो सबसे अधिक लाभ SC और ST वर्ग के किसानों को मिलेगा.
23 रेशम उत्पादन गतिविधियों में मिलेगा लाभ
‘रेशम समृद्धि योजना’ के तहत राज्य के किसानों को 23 रेशम उत्पादन गतिविधियों में सहायता दी जाएगी. इस सहायता से किसानों को रेशम उत्पादन के दौरान किसी भी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे आसानी से अधिक लाभ कमा सकेंगे.
सरकार इन 23 गतिविधियों में राज्य के किसानों को सहायता प्रदान करेगी, जिनमें शामिल हैं –
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कीट पालन
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प्रशिक्षण
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उपकरण
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बीज उत्पादन
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रेशम धागा निकालना
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विपणन
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