किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत और सबल बनाने के लिए सरकार लगातार अपनी ओर से योजनाएं चलाती रहती है. जिसके तहत किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से कई राज्य सरकार की ओर से किसानों को कर्ज माफी योजना के तहत ब्याज और पेनाल्टी में राहत दी जा रही है.
इसी दौरान हरियाणा सरकार की ओर से किसानों को कर्ज माफी योजना का लाभ दिया जा रहा है.यह राहत एक मुश्त ऋण योजना के तहत किसानों को दी जा रही है, ताकि किसानों पर किसी तरह का बोझ ना बन सके. किसानों की अगर बात करें, तो सबसे पहले हमारा ध्यान उनकी आर्थिक स्थिति पर जाता है. भारत के किसानों की आर्थिक स्थिति पर अगर बात करें, तो अधिकांशः किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत संभली हुई नज़र नहीं आती है. ऐसे में जरुरी यह है कि सरकार का विशेष ध्यान किसानों पर हो.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झज्जर जिला प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक समिति झज्जर द्वारा अतिदेय ऋण वाले किसानों को ऋण मुक्ति के लिए अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है. अब किसान 31 दिसंबर तक पूरा मूलधन अदा करने पर 30 सितंबर 2020 के अति देय ब्याज में आधी माफी व पूरा जुर्माना राशि माफी की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
किन किसानों को मिलेगा कर्ज माफी योजना का लाभ ?
आपको बता दें कि झज्जर जिले के कुल 1461 किसानों के ऋण अति देय ऋणी श्रेणी में आते हैं, जो एकमुश्त योजना का लाभ उठा सकते हैं. बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेश यादव के अनुसार, ऐसे किसान जो बैंक डिफॉल्ट की तरफ से डिफॉल्ट हो चुके हैं, वे भी इसका लाभ ले सकते हैं. उनको भी इसी सुविधा का लाभ मिलेगा. ऐसे किसानों पर कुल 38 करोड़ 47 लाख रुपए का लोन ऋण बकाया है, उनके अनुसार सरकार द्वारा लगभग 22 करोड़ 81 लाख रुपए की ब्याज माफी का लाभ इन किसानों को दिया जाएगा.मुख्य कार्याधिकारी ने बताया है कि किसान निश्चित तिथि तक अपना ऋण जमा करवा कर इसका लाभ ले सकते हैं.
हरियाणा सरकार की कर्ज माफी योजना (Debt Relief Scheme)
हरियाणा सरकार की ओर से साल 2019 में मुख्यमंत्री कृषि ऋण एकमुश्त समाधान योजना लागू की गई. यह योजना किसानों के लिए शुरू की गई है, जिन किसानों ने प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, हरियाणा विकास बैंक जैसी सहकारी बैंकों से कर्ज लिया है. उन किसानों पर लगने वाला आधा ब्याज और जुर्माना सरकार द्वारा माफ किया जा रहा है, लेकिन शर्त यह है कि किसानों को 31 दिसंबर 2021 तक मूलधन वापस करना होगा. तभी उन्हें इस का लाभ मिल सकेगा.
किसानों को मूलधन लौटाना होगा जरूरी
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मूलधन लौटाना अनिवार्य है यानि जितनी राशि का किसानों ने कर्ज लिया है, उसे उन्हें बैंकों को लौटाना होगा. मूलधन में किसी भी प्रकार की रियायत नहीं दी गई है.
मुख्यमंत्री कृषि ऋण एकमुश्त समाधान योजना हरियाणा योजना के नियम
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किसानों से 5 प्रतिशत जुर्माना यानि पेनल्टी लेने का नियम है. इसे अब पूरी तरह से माफ कर दिया गया है और ब्याज की राशि में भी आधी रकम माफी कर दी गई है.
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इसके अलावा जिन किसानों ने केंद्रीय सहकारी बैंक से लोन लिया है, उन्हें ब्याज में छूट मिलेगी.
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जिन्होंने 5 लाख रुपए तक का ऋण लिया है, उन्हें 2 प्रतिशत छूट दी जाएगी.
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जिन किसानों ने 5 से 10 लाख रुपए के बीच में कर्ज लिया है, उन्हें 5 प्रतिशत ब्याज में छूट मिलेगी.
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जिन किसानों ने 10 लाख या उससे अधिक का कर्ज लिया है, उन्हें 10 प्रतिशत की ब्याज में छूट प्रदान की जाएगी.
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इसके अलावा जिन किसानों के ऊपर चक्रवर्ती ब्याज लगता गया है, उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा.
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वहीं जिन किसानों ने लैंड मॉरगेज बैंक से कर्ज ले रखा है, उन किसानों का दंड ब्याज यानि पेनल्टी पूरी तरह से खत्म दी जाएगी. उन किसानों पर सामान्य लगने वाले ब्याज का 50 प्रतिशत ही वसूला जाएगा और इसके अलावा जो 50 प्रतिशत बचा है उसे सरकार बैंक को लौटाएगी.
आपको बता दें कि जिन किसानों ने सहकारी बैंकों जैसे हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक, प्राथमिक कृषि सहकारी समिति एवं जिला सहकारी बैंक से लोन लिया है, केवल उन्हीं किसानों का ऋण माफ किए जाएंगे.
खेत संबंधी दस्तावेज़
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मूल निवास प्रमाण-पत्र
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बैंक लोन संबंधी दस्तावेज की कॉपी
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