विश्व व्यापार संगठन (world trade organization, WTO) का मंत्रीस्तरीय सम्मेलन 12-15 जून को जेनेवा में हुआ है. इसमें भारत की तरफ से भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने की.
जैसा की पहले से ही खबरों में चल रहा था कि इसमें भारत खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए अनाज के सार्वजनिक भंडारण संबंधी मुद्दे के स्थायी समाधान, किसानों को दिए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व मछुआरों के हितों पर ज्यादा जोर देगा.अब इसको लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है.
मत्स पालन करने वालों के लिए खुशखबरी!
मत्स्य पालन करने वाले किसानों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है. समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, विश्व व्यापार संगठन के सदस्य लगातार घंटों चली बातचीत के बाद मत्स्य पालन के लिए राहत पैकेज घोषणा करने के लिए मान गए हैं.
इस दौरान WTO के सदस्यों ने मत्स्य पालन सब्सिडी सहित कई मुद्दों पर भी अपनी सहमती जताई है. हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सूत्रों के मुताबिक, इस सम्मेलन में कोरोना और हानिकारक मछली पकड़ने की सब्सिडी की जांच करने जैसे कई अहम मुद्दों पर जोर दिया गया हैं.
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क्या हैं मत्स्य पालन सब्सिडी का मुद्दा?
बता दें कि इस सम्मेलन में विकसित देश मत्स्य पालकों को दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने के पक्ष में थे, लेकिन भारत ने ऐसा करने से मना कर दिया है. भारत अब भी मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी को जारी रखेगा.
बताया जा रहा है कि पहली बार ऐसा है, जब इस सम्मेलन में अत्यधिक मछली पकड़ने, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और अवैध, गैर-रिपोर्टेड और अनियमित मछली पकड़ने जैसे प्रस्तावित समझौते पर भी बातचीत हुई है.
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