एक जमाना था जब मिट्टी के बरतनों के इस्तेमाल को अहमियत दी जाती थी. जिसकी वजह से लोग बीमार कम पड़ते थे. प्लास्टिक के डिस्पोजल की जगह कुल्हड़ में चाए पीना ज्यादा अच्छा माना जाता है. लेकिन बदलते दौर में कुल्हड़ की जगह डिस्पोजल कप्स आ गए. देखते ही देखते कुल्हड़ मानो बीते जमाने की बात हो गई. आज के समय में देखा जाए तो डिस्पोजल कप्स व्यपारियों के लिए तो किफायती लेकिन सेहत और कुम्हारों के लिए नहीं. प्लास्टिक के डिस्पोजल के इस्तेमाल से प्रर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है. शायद यही वजह है कि प्लास्टिक कचरे को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने एक अच्छा कदम उठाया है.
रेलवे ला रहा है कुल्हड़ चाय
दरअसल, भारतीय रेलवे सभी स्टेशनों पर जल्दी ही मिट्टी के कुल्हड़ वाली चाय बेचने की योजना बना रहा है. इस बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने खुद लोगों को जानकारी देते हुए कहा है कि आने वाले समय में देश के हर रेलवे स्टेशन पर कुल्हड़ में चाय मिलेंगी, जिससे प्लास्टिक पर नियंत्रण पाया जा सकेगा.
खुलेंगें रोजगार के अवसर
भारतीय रेलवे वर्तमान में लगभग 400 स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय बेचता है, जिससे कुम्हार समुदाय के लोगों को अच्छा काम मिल जाता है. अब अगर ऐसी
योजना राष्ट्र स्तर पर लागू होती है, तो इससे रोजगार के नए अवसर खुलेगें.
लालू ने भी चलाया था कुल्हड़ अभियान
वैसे आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं हो रहा है, जब कुल्हड़ को प्राधमिकता मिल रही हो. लगभग 16 साल पहले साल 2004 में ऐसा आदेश तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने भी दिया था. उस समय भी रेलवे के कुल्हड़ चाय अखबारों की बड़ी खबर बनी थी. इस काम के लिए लालू को पर्यावरण से संबंधित कई आवार्ड भी मिले थे. हालांकि, लालू की कुल्हड़ वाली चाय बहुत अधिक दिनों तक रेलवे में न रह सकी और धीरे-धीरे कुल्हड़ की जगह कागज या प्लास्टिक के कपों ने ले ली.
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन होने में मिलेगी मदद
आपको याद ही होगा कि महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन की बात कही थी. पीएम मोदी ने राष्ट्र स्तर पर सिंगल यूज़ प्लासिटक बैन की बात कही थी, जिसे बाहरी देशों से भी अच्छा समर्थन मिला था. पीएम के इस ऐलान के बाद देश में कई जगह पर सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया, लेकिन ये पहली बार है कि राष्ट्र स्तर पर प्लास्टिक को रिपलेस किया जा रहा है.
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