पंजाब के फाजिल्का में किसान बीते कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. इन दिनों देश के अधिकतर हिस्सों में खून जमाने वाली ठंड पड़ रही है, लेकिन किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से किसान डीसी कार्यालय व टोल प्लाजा पर अपना धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
टोल प्लाजा पर किसानों ने रास्ता बंद कर दिया है, जिससे लोग बिना टोल दिए ही वहां से गुजर रहे हैं. तो वहीं डीसी कार्यालय में किसानों ने तंबू भी गाढ़ लिए हैं ताकि वह शीतलहर की चपेट में ना आ पाए, जिससे अब साफ हो रहा है कि किसाना मांग पूरी किए बगैर हटने वाले नहीं हैं. इसी बीच किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द से जल्द सुनवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज हो सकता है.
मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा धरना
बता दें कि किसान 15 दिसंबर से मामू जोया टोल प्लाजा एफएफ रोड पर बने टोल प्लाजा थेहकलंदर पर धरने पर बैठे हुए हैं. तो वहीं डीसी कार्यालय के समीप कड़ाके की ठंडी रातों में भी धरना दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं तब तक धरना खत्म नहीं.
किसानों की चेतावनी को हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए, 3 कृषि बिल के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन अभी हम भूले नहीं हैं कि कैसे सरकार को किसान की इन मांगों के आगे झुकना पड़ा था.
क्या है किसानों की मांगे
धरने पर बैठे किसानों की मांग है कि महात्मा गांधी मनरेगा योजना के अंतर्गत पूरे साल यानि की 365 दिन काम दिया जाए. इसके अलावा कालेजों, यूनिवर्सिटी और स्कूलों में मुफ्त में सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं. 23 फसलों और एमएसपी की खरीदी को गारंटी डाक्टर स्वामी नाथन कमिशन की रिपोर्ट के मुताबित ही लागू हो.
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दिल्ली में हुए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को 5 लाख रुपए की राशि मुआवजे के तौर पर दी जाए तथा भूमिहीन किसानों और मजदूरों को 51 हजार रुपए शगुन स्कीम, 10 मरले का प्लाट, 14 जरूरी वस्तुएं और 2500 रुपए बुढ़ापा पेंशन देने का प्रबंध किया जाए.
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