किसानों के उद्धार के लिए केंद्र के साथ राज्य को भी मिलकर काम करना होगा न्यूनतम समर्थन मूल्य बढाने के बाद सरकार अब किसानों की उपज खरीद को सुनिशचित करने में लग गई है। उपज की व्यापक खरीद यानी इसका फायग सभी किसानों को दिलाने के प्रयाश में सरकार खरीद गारंटी योजना पर विचार कर रही है। सरकार में इसे लेकर उच्च स्तरीय बैठकों का दौर लगातार जारी है।
एमएसपी में होने वाली बढोतरी का फायदा फिल्हाल सीमीत किसानों तक ही पहुंचता है। जिन सूबों में सरकारी खरीद प्रणाली है वहां ही लाभ हो सकता है। लेकिन सरकार आखिरी किसान तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए वचनबद्ध है। जिससे पूरा करने के लिए खरीद प्रणाली को व्यापक बनाने के लिए अह्न बदलावों कि आवश्यकता है इसके लिए राज्य सरकारों को भी सहयोग करना होगा जिसके तहत मंडी कानून समेत कई और कानूनों में संशोधन करना होगा।
क़ृषि उपज की प्रस्तावित खरीद गारंटी योजना मौजूदा खरीद प्रणाली से अलग और व्यापक होगी। प्रस्तावित प्रणाली के समझोतों में मंडीय़ो में निजी व्यपारियों को खुले बाजार के भावो पर बेचे जाने वाली जिंसो का ब्योरा होगा। इससे एमएसपी और बाज़ार के अंतर को किसानों के खातो में जमा कराया जाएगा
मूल्य के अंतर वाली धनराशि को केंद्र व राज्यों को संयुक्त रुप से वहन करना पडेंगा। नवीन खरीद प्रणाली की रुपरेखा तैयार करने के लिए केंद्रिय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में नो वरिष्ठ मंत्रियों का एक समूह गठित किया गया था। जिन्होन अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर पर उन सिफारिशों पर अभी मुहर लगनी बाकी है। मंगलवार को इसी मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यलय में एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार विर्मष किया गया।
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