यूपी सरकार ने किसानों की फसल को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए मंडी अधिनियम में बदलाव कर दिया है। अब किसान अपनी फसलों को सरकारी मंडियों के अलावा निजी मंडियों में भी बेच सकेंगे। इसके लिए निजी क्षेत्र के लोगों को भी मंडी खोलने के लिए मंजूरी दे दी गई है। यह सरकारी मंडी समितियों से अतिरिक्त मंडियां होंगी, जिनमें किसान अपनी फसल को सही मूल्य पर बेच सकेंगे। इसके लिए कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम की धारा 1967 में बदलाव किया गया है।
इसके साथ ही अब सभी जिलों में मौजूद कोल्ड स्टोरेज को भी उप मंडी स्थल घोषित किया जा सकेगा। उप मंडी स्थल घोषित किए जाने के बाद अब यहां भी किसान को अपनी फसल बेचने की मंजूरी मिल सकेगी। इन दोनों मंडियों के खुल जाने से किसानों के लिए ज्यादा अवसर मिलेंगे। इसके अलावा जिलों में मंडियों को अपने पास ज्यादा से ज्यादा धनराशि रखने की भी मंजूरी दे दी गई है। अभी तक जिलों में मंडियां अपने पास केवल 25 लाख रुपये की धनराशि रख सकती थीं, इससे ज्यादा धनराशि होने पर उसे मुख्यालय भेजना पड़ता था। अब कुल आय का 50 फीसदी या अधिकतम दस करोड़ तक की धनराशि मंडियां अपने पास रख सकती हैं।
अब मजदूरों का पंजीकरण-लाइसेंस एक दिन में
अब दूसरे राज्यों में मजदूर ले जाने के लिए रजिस्ट्रेशन और पंजीकरण एक दिन में ही हो सकेगा। इसके लिए कर्मकार अधिनियम में संशोधन किया गया है। अब एक ही दिन में आनलाइन पंजीकरण और लाइसेंस मिल सकेगा। अभी तक इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं थी, जिससे यूपी से मजदूर ले जाने या दूसरे राज्यों से मजदूर यहां लाने के लिए लाइसेंस हासिल करने और पंजीकरण कराने में कई दिन लग जाते थे। अब इसका सरलीकरण कर दिया गया है।
राजस्थान से सोलर बिजली खरीदेगी सरकार
सरकार राजस्थान के सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) द्वारा सोलर मिशन के तहत उत्पादित दो सोलर पार्क से उत्पादित होने वाली ऊर्जा में से अधिकतम 750 मेगावॉट बिजली 2.55 रुपए प्रति यूनिट पर सोलर बिजली खरीदेगी। इस बिजली के लिए पावर कॉरपोरेशन से पावर सेल अग्रीमेंट के लिए सरकार शासकीय गारंटी देगी।
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