तमिलनाडु के त्रिची जेल में बंद कैदी जहां पहले अपने अपराधों के लिए जाने जाते थे, वहीं अब वह गन्ने की खेती कर जेल में इतिहास रच रहे हैं. जिसके लिए खुद जेल प्रशासन उनकी सहायता कर रहा है. देखा जाए तो जेल प्रशासन की इस पहल के बाद कैदियों की आय के स्त्रोत खुल रहे हैं. यह पहली बार नहीं है कि जब जेल से इस प्रकार की खबरें सामने आईं हों. बता दें कि कुछ दिनों पहले भी उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जेल में कैदियों ने सीजनल सब्जियों का अच्छा उत्पादन किया था. अब त्रिची जेल के कैदी गन्ने की खेती कर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन रहे हैं.
बाजार के आउटलेट में बिकेगा गन्ना
बता दें कि तमिलनाडु के त्रिची जेल के तकरीबरन 20 कैदियों ने 2 एकड़ जमीन पर गन्ने की उन्नत किस्म का उत्पादन किया. जिसे जेल के बाजार आउटलेट पर बेचे जाने की रणनीति बनाई जा रही है.
कैदियों ने की गन्ने की सेनकर्मबु किस्म की खेती
खबरों की मानें तो त्रिची कारागार में कैदियों द्वारा गन्ना की सेनकर्मबु किस्म उगाई गई. जो अब पूरी तरह से कटने के लिए तैयार हो चुकी है. गन्ना कटाई के बाद इसे निकटम मंडियों में बेचा जाएगा. इसके अलावा गन्ने को त्रिची-पुडुकोट्टई राष्ट्रीय राजमार्ग पर जेल के सामने बेचा जाएगा. बता दें कि इससे अर्जित आय को गन्ने उगाने वाले कैदियों में समान रूप से बांटा जाएगा.
जेल प्रशासन कर रहा सराहना
कैदियों द्वारा किया गया यह कार्य वाकई काबिले तारिफ है. जेल की डीआईजी जेया भारती ने भी एएनआई से बातचीत में कहा कि यहां पर कैदियों द्वारा उगाया गया गन्ना बहुत अच्छी क्वालिटी का है. लोगों के बीच यह खूब चर्चित हो रहा है तथा खरीदने के लिए इच्छा भी जाहिर कर रहे हैं. बाजार में हर एक गन्ने को 15 रुपए के हिसाब से बेचा जाएगा. गन्ने की खेती करने में कैदियों का वक्त भी अच्छे से गुजर रहा है. और कहीं ना कहीं वह समाज में अपने काम की एक सकारात्मक छवि भी छोड़ रहे हैं.
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हो रही अच्छी बिक्री
त्रिची जेल के कैदियों द्वारा उत्पादित गन्ने बाजार में खूब बिक रहे हैं. पोंगल के अवसर पर पर भी गन्ने के अच्छे दाम मिले. कैदियों द्वारा खेती के कामों से अन्य लोग भी प्रेरित हो रहे हैं.
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