केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में कुछ प्रमुख बदलाव किए हैं. मीडिया रिपोर्ट की माने तो सरकार ने फसल बीमा में कई तरह के बदलाव करते हुए अब इसे ऑप्शनल कर दिया है. इस बारे में विशेषज्ञों की माने तो यह कदम आम किसानों को यह भरोसा दिलाने के लिए किया गया है कि कंपनियां फसल बीमा योजना से नाज़ायज मुनाफा कमा रही हैं.
मीडिया रिपोर्ट की माने को सरकार ने यह भी सुझाव दिया है कि अगर फसल के लिए सिंचाई क्षेत्र 50 फीसदी से अधिक है तो प्रीमियम की सीमा 30 फीसदी रखी जानी चाहिए. हालांकि इसमें हर साल संशोधन की सिफारिश भी की गई है. गौरतलब है कि PMFBY का गठन अप्रैल, 2016 में हुआ था. जिसका मुख्य लक्ष्य ऐसे प्राकृतिक जोखिमों से किसानों की रक्षा करना था जिन्हें होने से रोका नहीं जा सकता. इस बीमा के अर्तगत बुवाई के पहले से लेकर कटाई के बाद तक के समय में हर तरह की प्राकृतिक आपदा में किसानों को फसल बीमा उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था.
बता दें कि PMFBY का यह सातवां सत्र चल रहा है, जिसके तहत किसानहित के लिए योजनाएं लागू की जा रही है. सूत्रों की माने तो मंत्रालय ने खेतीबाड़ी से जुड़ी तमाम खामियों की पहचान कर कई बदलावों के प्रस्ताव कर दिए हैं. हालांकि अलग-अलग राज्यों में जलवायु विभिन्नता के कारण राज्य सरकारों से भी विचार मांगे गए हैं. उल्लेखनीय है कि अभी हाल के समय में फसल बीमा पर कई किसानों ने सवाल खड़े करते हुए सरकार पर निशाना साधा था. वहीं विपक्ष की कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार से प्रश्न किया था कि फसल बीमा के नाम पर नाज़ायज मुनाफा कमा रहे कंपनियों के खिलाफ सरकार क्या कर रही है.
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