केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद को बताया कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (kisan mandhan yojana) के तहत अभी तक 7 करोड़ किसानों को मानधन की राशि का भुगतान किया जा चुका है. इसके अलावा एमएसपी (Minimum Support Price) पर पिछले पांच वर्ष में 91.49 लाख टन फसल की खरीदी हुई है, जबकि 2009-2014 के दौरान केवल 9 लाख टन की खरीदी हुई थी.
दरअसल कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने लोकसभा में प्रश्नकाल में विभिन्न प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आय में बढ़ोतरी हेतु लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा लगाकर एमएसपी देने का नीतिगत निर्णय लिया था. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान किसानों को लाभ हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच एमएसपी पर करीब नौ लाख टन की खरीदी हुई थी, जबकि 2014 से अब तक 91.49 लाख टन की खरीदी हुई है.
राशि सीधे खाते में ट्रांसफर
तेलंगाना राष्ट्र समिति के जी रंजीत रेड्डी के एक प्रश्न के उत्तर में रूपाला ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहली बार देश के किसानों को नकद मानधन देने की योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत हर किसान का प्रतिवर्ष 6000 रुपए तीन किश्तों में उनके खातों में सीधे हस्तांतरित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तक सात करोड़ किसानों को मानधन की राशि हस्तांतरित की गई है.
डीजल और बिजली पर सब्सिडी
आवारा पशुओं के कारण फसल के नुकसान की भरपाई करने एवं बिजली एवं डीजल पर सब्सिडी देने की कोई योजना बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की ओर से यदि इस बारे में कोई योजना बनाई जाती है तो केंद्र सरकार उसमें सहायता देने के बारे में सोचेगी, पर डीजल एवं बिजली पर सब्सिडी देने का कोई विचार नहीं है.
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