
केंद्र सरकार किसान हितैषी नीतियों एवं तकनीक आधारित पारदर्शी व्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान कर रही है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आज सोमवार के दिन यानी 11 अगस्त 2025 को राजस्थान के झुंझुनू में ऐतिहासिक बीमा दावा भुगतान का आयोजन किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे तथा मुख्य अतिथि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के द्वारा की गई.
समारोह के विशेष अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, स्थानीय जनप्रतिनिधि, किसान नेता तथा मंत्रालय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
बता दें कि यह कार्यक्रम झुंझुनू हवाई पट्टी पर आयोजित किया गया, जिसमें झुंझुनू के साथ ही सीकर, जयपुर, कोटपूतली-बहरोड़ सहित विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और साथ ही, देशभर के विभिन्न राज्यों के लाखों किसान वर्चुअल माध्यम से भी समारोह से जुड़ें.
30 लाख से अधिक किसानों को 3,900 करोड़ रुपए भेजें
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत, ग्रामीण भारत के करोड़ों किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से आज देश में पहली बार 30 लाख से अधिक किसानों को 3,900 करोड़ रुपए से अधिक की फसल बीमा दावा राशि डिजिटल रूप से सीधे उनके बैंक खातों में भेजी. इसमें राजस्थान के 7 लाख से अधिक किसानों को 1,100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिली.
शिवराज सिंह के अनुसार, राज्यवार बीमा दावा क्लेम के तहत मध्य प्रदेश के किसानों को 1,156 करोड़ रुपए, राजस्थान के किसानों को 1,121 करोड़ रुपए, छत्तीसगढ़ के किसानों को 150 करोड़ रुपए और शेष राज्यों के किसानों को 773 करोड़ रुपए की राशि का सीधा लाभ मिला.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत तकनीक और पारदर्शिता एक महत्वपूर्ण पहलू है. किसानों को फसल बीमा दावा राशि का समय पर भुगतान किया, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति, निवेश का आत्मविश्वास और खेती में अनिश्चितताओं का सामना करने की शक्ति बढ़ी.
भुगतान में देर पर 12% पेनल्टी किसानों को मिलेगी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने किसानों के हित में बीमा दावा भुगतान की नई सरल व्यवस्था लागू की है, जिसमें राज्यों की प्रीमियम अंशदान राशि की प्रतीक्षा किए बिना केवल केंद्र की सब्सिडी पर अनुपातिक रूप से किसानों को दावों का तुरंत भुगतान संभव होगा. खरीफ 2025 से अगर कोई राज्य सरकार अपनी सब्सिडी देने में देरी करती है, तो उस पर 12% की पेनल्टी लगेगी और इसी तरह बीमा कंपनियों द्वारा भुगतान में देर होने पर भी 12% पेनल्टी किसानों को मिलेगी.
1.83 लाख करोड़ रुपए की क्लेम राशि वितरण
शिवराज सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2016 से प्रारंभ इस योजना के तहत अब तक 78 करोड़ से अधिक किसान आवेदनों को कवर करते हुए 1.83 लाख करोड़ रुपए की क्लेम राशि का वितरण किया गया है, जबकि किसानों ने मात्र 35,864 करोड़ रुपए प्रीमियम की राशि ही दी है. औसतन 5 गुना से अधिक क्लेम भुगतान, यह सरकार की किसान-हितैषी नीति का प्रतीक है.
टेक्नोलॉजी से किसानों को मिल रही काफी मदद
पिछले कुछ वर्षों में YES-TECH, WINDS पोर्टल, AIDE मोबाइल ऐप, कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन 14447 जैसे अनेक तकनीकी नवाचारों को लागू किया गया है, जिससे न सिर्फ क्लेम निपटान की गति व पारदर्शिता में वृद्धि हुई है, बल्कि मौसम संबंधित आंकड़े अधिक सटीक हुए हैं और किसानों को पंजीकरण की सुविधा ग्राम स्तर पर उपलब्ध हुई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की मेहनत एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प को सशक्त बनाती है.
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