व्हेल मछली जिसे दुनिया की सबसे महंगी मछली के रूप में जाना जाता है. इसकी कीमत बाज़ार में करीब 1 करोड़ 10 लाख है. पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जहां मुंबई पुलिस ने एम्बरग्रीस या व्हेल उल्टी बेचने की कोशिश कर रहे पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एम्बरग्रीस यह इतना मूल्यवान क्यूँ है और इसकी तस्करी क्यों की जा रही है? तो आइए इसके बारे में आपको जानकारी देते हैं.
उससे पहले बता दें कि जिन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनके नाम जॉन सुनील साठे जिनकी उम्र 33 साल है, जो मगरमला नासिक रोड का निवासी है. अजित हुकुमचंद बागमार जिसकी उम्र 61 साल है, जो कि कारंजा नासिक का निवासी, मनोज अली भिवंडी नासिकफाटा पिंजारवाडी का निवासी हैं.
फिलहाल, जॉन और अजित को अरेस्ट कर लिया गया है. वहीं, पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी अजित और मनोज ने आरोपी जॉन को कूरियर से व्हेल मछली की उल्टी भेजी है. आरोपी जॉन इस उल्टी को गैरकानूनी तरीके से बाजार में बेचने वाला था.
क्यों व्हेल उल्टी की कीमत है ज्यादा (Why Whale Vomit Costs More)
जानकारी के लिए बता दें कि व्हेल उल्टी को तैरता हुआ सोना कहा जाता है. मुंबई पुलिस के ताजा अनुमान के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 किलो एम्बरग्रीस की कीमत 1 करोड़ रुपए है. इसकी ऊंची कीमत का कारण इससे बनाया गया परफ्यूम है, जिसकी कीमत बाजार में बहुत ज्यादा है. इसका इस्तेमाल खासकर कस्तूरी जैसी सुगंध बनाने के लिए किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि दुबई जैसे देशों में इसकी बहुत मांग है.
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व्हेल उल्टी पर कानून क्यों हैं? (Why Are There Laws On Whale Vomit?)
अपने उच्च मूल्य के कारण, व्हेल उल्टी तस्करों के लिए विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में एक लक्ष्य रहा है. ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां इस तरह की तस्करी के लिए गुजरात के तट का इस्तेमाल किया गया है. चूंकि स्पर्म व्हेल एक संरक्षित प्रजाति है, इसलिए व्हेल के शिकार की अनुमति नहीं है. हालांकि, तस्करों के पेट से मूल्यवान एम्बरग्रीस प्राप्त करने के लिए मछली को अवैध रूप से लक्षित करने के लिए जाना जाता है.
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