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पेप्सिको इंडिया ने एक वैश्विक विकास गठबंधन (GDA) के साथ कृषि में लैंगिक समावेशन की सफलता का मनाया जश्न, जानें पूरी डिटेल

पेप्सिको इंडिया ने बीते कल यानी की सोमवार के दिन 'आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए महिलाओं में निवेश- एक वैश्विक विकास गठबंधन (GDA) के साथ कृषि में लैंगिक समावेशन की सफलता के साथ आगे बढ़ रही है. यह पंच-वर्षीय यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के सहयोग से साल 2020 में शुरू हुई.

KJ Staff
पेप्सिको इंडिया का एक वैश्विक विकास गठबंधन (GDA)
पेप्सिको इंडिया का एक वैश्विक विकास गठबंधन (GDA)

पेप्सिको इंडिया 'आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए महिलाओं में निवेश- एक वैश्विक विकास गठबंधन (GDA)  के साथ कृषि में लैंगिक समावेशन को आगे बढ़ा रही है. यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के सहयोग से साल 2020 में शुरू की गई, यह पंच-वर्षीय, दो करोड़ अमेरिकी डॉलर वाली साझेदारी वर्तमान में भारत सहित पांच देशों में क्रियान्वित की जा रही है. भारत में, एक सोर्सिंग क्षेत्र के रूप में उत्तर प्रदेश (UP) पेप्सिको के लिए एक रणनीतिक स्थान रखता है, यहां कंपनी के कई प्रतिष्ठित खाद्य और पेय उत्पादों का उत्पादन किया जाता है, जिसमें आलू का महत्वपूर्ण योगदान है.

आगरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा, रायबरेली और फतेहपुर जिलों में 11 जेंडर स्मार्ट डेमो फार्म की स्थापना इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है. जेंडर स्मार्ट फार्म्‍स (GSF) ने न केवल नवाचार का प्रदर्शन किया है, बल्कि 2023 फसल वर्ष में पेप्सिको को 171 टन आलू की आपूर्ति भी की है, जो बेसलाइन की तुलना में 28 टन की शुद्ध वृद्धि दर्शाता है. 

महिला किसानों कृषि विशेषज्ञता में सुधार के लिए मिल रहा प्रशिक्षण

इस पहल के जरिये, 1571 यूनिक प्रतिभागियों (735 महिलाएं, 836 पुरुष) ने कृषि में जेंडर नॉर्म्‍स पर 'सशक्त श्रमिक प्रशिक्षण' प्राप्त किया, इसके साथ ही 'पैकेज ऑफ प्रैक्टिसेस' (बुवाई पूर्व, रोग और कीट प्रबंधन, कटाई पश्चात प्रबंधन), खेत में सुरक्षा, वित्तीय साक्षरता और फॉर्म रिकॉर्ड कीपिंग और मैनेजमेंट पर भी प्रशिक्षण हासिल किया. 

महिला किसानों को उनके समग्र विकास और कृषि विशेषज्ञता में सुधार के लिए नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिसमें एनड्रिप ग्रेविटी माइक्रो-इरीगेशन सिस्टम, व्यक्तित्व विकास, रसायनों का सुरक्षित उपयोग, मासिक धर्म स्वच्छता और बुनियादी डिजिटल साक्षरता कौशल शामिल हैं. परियोजना के तहत प्रमुख हस्तक्षेपों में से एक है सौर-संचालित व्‍हील आधारित स्प्रेयर्स, जो पारंपरिक, भारी स्प्रेयर की तुलना में अधिक सुलभ विकल्प प्रदान करता है.  

कृषि में महिलाएं एक महत्वपूर्ण श्रमबल

कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए, अनुकूल जोशी, डायरेक्टर, एग्रो-पेप्सिको इंडिया, ने कहा, “जीडीए के माध्यम से पेप्सिको और यूएसएआईडी का सहयोग आलू आपूर्ति श्रृंखला में लैंगिक समानता, महिलाओं की आर्थिक स्थिति और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने पर केंद्रित है. कृषि में महिलाएं एक महत्वपूर्ण श्रमबल हैं, सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ उनकी क्षमता और ज्ञान को बढ़ाने से स्थिरता और पेप+ लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी. इस प्रयास के केंद्र में जेंडर स्मार्ट फार्म पहल है, जो साक्ष्य आधारित, ऑन-फार्म दृष्टिकोण पेश करती है, जिससे पुरुष और महिला दोनों किसानों को लाभ होता है. इस पहल से प्राप्त आंकड़ों और दृष्टिकोण के साथ, हम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, रिजनरेटिव कृषि प्रथाओं को शुरू करने और भारत में हमारी कृषि आपूर्ति श्रृंखलाओं के भीतर आजीविका में सुधार के महत्वपूर्ण लाभों पर प्रकाश डाल रहे हैं.”

पेप्सिको की प्रतिबद्धता कृषि यात्रा में ला रही बदलाव

पीपुल्स एक्शन फॉर नेशनल इंटीग्रेशन (पानी) के साथ साझेदारी में, कार्यक्रम ने सूक्ष्म सिंचाई सब्सिडी, आयुष्मान कार्ड, लेबर कार्ड, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और वृद्धा पेंशन सहित कई सरकारी योजनाओं में 480 आपूर्तिकर्ताओं, परिवार के सदस्यों और सहयोगियों का नामांकन कराने के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा तक पहुंचने में समर्थन किया है.

पेप्सिको इंडिया सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है. कार्यक्रम के प्रभाव के बारे में बताते हुए, जीडीए लाभार्थी आरती सिंह, पत्नी हरवीर सिंह (पेप्सिको के अनुबंधित किसान) ने कहा, “इस कार्यक्रम के तहत प्रदान की गई सशक्त पहल और प्रशिक्षण ने न केवल हमारी कृषि प्रथाओं को बेहतर बनाया है बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण के लिए दरवाजे भी खोले हैं, जिससे हमारे जीवन और समाज पर सकारात्मक बदलाव आया है. लैंगिक समानता और टिकाऊ कृषि के प्रति पेप्सिको की प्रतिबद्धता वास्तव में हमारी कृषि यात्रा में बदलाव ला रही है.” 

जीडीए कार्यक्रम सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), विशेष रूप से एसडीजी 2 (खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ कृषि), एसडीजी 5 (लैंगिक समानता और महिलाओं एवं लड़कियों का सशक्तिकरण), एसडीजी 12 (टिकाऊ उपभोग और प्रोडक्शन पैटर्न), और एसडीजी 17 (टिकाऊ विकास के लिए वैश्विक साझेदारी को मजबूत करना) के अनुरूप है.

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पेप्सिको सकारात्मक कृषि के माध्यम से महिला किसानों सहित किसानों को सशक्त बनाने, उनकी पैदावार में सुधार करने, पानी के उपयोग को अनुकूलित करने और आजीविका बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो पेप्सिको पॉजिटिव (पेप+) का एक प्रमुख स्तंभ है. पेप+ एक अंतिम छोर तक बदलाव लाने वाली रणनीति है, जिसके केंद्र में स्थिरता है, जो बताती है कि कैसे पेप्सिको धरती की सीमाओं के भीतर काम करके और लोगों के लिए सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करके विकास और मूल्य पैदा करेगा. पेप+ तीन आपस में जुड़े हुए स्तंभों सकारात्मक कृषि, सकारात्मक मूल्य श्रृंखला और सकारात्मक विकल्प पर केंद्रित है.

English Summary: PepsiCo India celebrates success in gender inclusion in agriculture with a Global Development Alliance agricultural expertise of women farmers Published on: 20 February 2024, 02:04 PM IST

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