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ऐसे कैसे बनेंगे हमारे अन्नदाता आत्मनिर्भर? जरूरतमंद किसानों को नहीं मिल रहा 'किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ, पढ़ें ये रिपोर्ट

साल था 2018, जब केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना की शुरूआत की थी. विदित हो कि उक्त योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को 6 हजार रूपए की रकम 2-2 हजार रूपए के किस्तों में दी जाती है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं.

सचिन कुमार

साल था 2018, जब केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में 'प्रधानमंत्री किसान  सम्मान निधि' योजना की शुरूआत की थी. विदित हो कि  उक्त योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को 6 हजार रूपए की रकम 2-2 हजार रूपए के किस्तों में दी जाती है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं.

वहीं, आज यानि की 24 फरवरी को केंद्र सरकार की इस योजना को 2 वर्ष पूरे हो चुके हैं, मगर अफसोस इस योजना का लाभ जिन जरूरतमंद किसानों तक पहुंचना चाहिए था, उन किसानों  तक नहीं पहुंच रहा है. कहने का तात्पर्य है कि कुछ अपात्र लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें सरकार अब गंभीरता से ले रही है.

 

बता दें कि उत्तर प्रदेश के जिला भदोही में कई ऐसे लोग सामने आए हैं, जो किसान न होने के बावजूद भी केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठा रहे हैं. जांच में खुलासा हुआ है कि यह लोग किसानों का भेष धारण कर प्रदेश सरकार को  करीब ढाई करोड़ का चूना लगा चुके हैं.

अब ऐसे सभी आलाधिकारी जांच की रडार में आ चुके हैं. इन लोगों में नौकरीपेशा, अन्य व्यवसाय में शामिल व आयकर दाता तक सरकार की इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, लिहाजा अब ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार हो चुकी है. इन सभी लोगों को कृषि विभाग की तऱफ से नोटिस भी जारी किया जा चुका है. 

यहां हम आपको बताते चले कि प्रदेश सरकार को मिली शिकायत के बाद से सरकार हरकत में आई और इसकी जांच करने हेतु किसान आयकर पोर्टल जांच की गई, जिसमें उन सभी किसानों के नाम प्रकाश में आए हैं, जो किसान न होते हुए भी किसानों की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठा रहे हैं.

आखिर कैसे उठा रहे हैं ये किसान इस योजना का फायदा 

अब सवाल यह है कि आखिर जनपद में इतनी भारी संख्या में इस महत्वाकांक्षी योजना का वे लोग कैसे लाभ उठा पा रहे हैं,  जिनका खेती किसानी से कोई सरोकार है ही नहीं. आखिर,  कौन है इसका जिम्मेदारा?  खैर, अभी तो यह तफ्तीश का मसला है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसके पीछे विभागीय कर्मचारियों की कौताही है, जो कि फिलहाल अभी तफ्तीश का विषय बन चुका है. फिलहाल, अब इसे लेकर क्या कुछ कार्रवाई की जाती है. यह तो फिलहाल अब भविष्य के गर्भ में छुपा है.    

English Summary: people are misusing the PM kisan samman nidhi yojna Published on: 24 February 2021, 12:40 PM IST

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