कोरोना वायरस की वजह से पूरा देश इस समय लॉकडाउन है. ऐसे वक्त में सबसे अधिक दिक्कत दिहाड़ी मजदूरों और गरीब वर्ग को हो रही है. दैनिक जरूरतों को पूरा करने में ऐसे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि समाज की अलग-अलग संस्थाएं अपने-अपने स्तर पर मदद करने की कोशश कर रही हैं, लेकिन मदद पर्याप्त नहीं साबित हो रही. इस मुश्किल घड़ी में देश की सबसे बड़ी बिस्किट कंपनी में से एक पारले-जी बिस्किट ने बड़ा फैसला किया है.
मदद को आगे आई पारले-जी
25 मार्च को अपने दिए गए एक बयान में कंपनी ने कहा है कि वो गरीबों को एक करोड़ पारले-जी बिस्किट के पैकेट दान करेगी. इसके लिए कंपनी ने सरकार से बात कर ली है. अगले तीन हफ्तों से पहले इस काम को कर लिया जाएगा.
कंपनी कम वर्कफोर्स में कर रही है काम
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समय सुरक्षा को देखते हुए कंपनी ने वर्कफोर्स में कटौती की है. कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट 50 फीसदी वर्कफोर्स के साथ देश की जरूरतों को पूरा कर रही है.
नहीं होगी बिस्किट की कमी
अपने बयान में कंपनी ने कहा है कि सरकारी आदेश को मानते हुए हमने वर्कफोर्स में कटौती की है, लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि देश में बिस्किट की कमी नहीं होगी.
दुनिया के लगभग हर देश की तरह भारत भी इस समय कोरोना के कहर से लड़ रहा है. मरीजों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब तक 686 कंफर्म केस मिल चुके हैं, जिसमें से 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 46 लोग ठीक हो चुके हैं.
वर्तमान में देशभर के डॉक्टर 535 एक्टिव केस हैंडल कर रहे हैं. भारत में कोरोना से सबसे अधिक महाराष्ट्र और केरल राज्य प्रभावित हुआ है. सिर्फ महाराष्ट्र में ही 112 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि केरल में 105 केसों का पता लग चुका है.
इस बीमारी की गंभीरता को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन का लॉकडाउन लगा दिया है. इस दौरान दफ्तर, बाजार और सार्वजनिक परिवहन बंद हैं.
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