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दुखद : हार्ट अटैक से महाराष्ट्र के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर का निधन

महाराष्ट्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले और स्वभाव के बीजेपी नेता और कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर का देहांत हो गया. महाराष्ट्र के कृषि मंत्री पांडुरंग फिलहाल महाराष्ट्र सरकार में कृषि मंत्री का पद संभाले हुए थे. पांडुरंग 67 साल के थे और सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें सुबह 4.32 मिनट पर के.जे सोमैया हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। बुलढाना की खामगांव विधानसभा से आने वाले पांडुरंग महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पांडुरंग फुंडकर का बीजेपी में बड़ा कद था. गोपीनाथ मुंडे के बाद उन्होंने बीजेपी को महाराष्ट्र में मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी उन्होंने बीजेपी के लिए महाराष्ट्र में बहुत प्रचार किया था. अपने राजनितिक करियर के दौरान वो बीजेपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष भी रहे. पांडुरंग फुंडकर का जन्म साल 1950 में बुलढाना के खामगांव में हुआ था। लोग उन्हें भाऊसाहब कहकर बुलाते थे। उनके निधन की खबर सुनकर पूरे खामगांव में शोक की लहर है। स्थानीय दुकानदारों ने श्रद्धांजलि स्वरुप एक दिन के लिए अपनी दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है. पांडुरंग एक राजनेता होते हुए भी एक किसान थे. उन्होंने किसानों के लिए काफी काम किया. कई योजनाए शुरू की.

 

महाराष्ट्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले और शांत स्वभाव के बीजेपी नेता और कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर का देहांत हो गया.  महाराष्ट्र के कृषि मंत्री पांडुरंग फिलहाल महाराष्ट्र सरकार में कृषि मंत्री का पद संभाले हुए थे.  पांडुरंग 67 साल के थे और सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें सुबह 4.32 मिनट पर के.जे सोमैया हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। बुलढाना की खामगांव विधानसभा से आने वाले पांडुरंग महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पांडुरंग फुंडकर का बीजेपी में बड़ा कद था. गोपीनाथ मुंडे के बाद उन्होंने बीजेपी को महाराष्ट्र में मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी उन्होंने बीजेपी के लिए महाराष्ट्र में बहुत प्रचार किया था. अपने राजनितिक करियर के दौरान वो बीजेपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष भी रहे. पांडुरंग फुंडकर का जन्म साल 1950 में बुलढाना के खामगांव में हुआ था। लोग उन्हें भाऊसाहब कहकर बुलाते थे। उनके निधन की खबर सुनकर पूरे खामगांव में शोक की लहर है। स्थानीय दुकानदारों ने श्रद्धांजलि स्वरुप एक दिन के लिए अपनी दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है. पांडुरंग एक राजनेता होते हुए भी एक किसान थे. उन्होंने किसानों के लिए काफी काम किया. कई योजनाए शुरू की.

सीने में दर्द होने के बाद पांडुरंग को कई बार वॉमिटिंग हुई। जिसके बाद परिजन उन्हें लेकर मुंबई के के. जे सोमैया हॉस्पिटल पहुंचे। हॉस्पिटल में जांच के दौरान पता चला कि पांडुरंग को हार्ट अटैक आया है और यहीं इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। यह सिर्फ महाराष्ट्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए दुखद समाचार है. इससे राज्य को एक बड़ा  नुक्सान हुआ है.

बुलढाणा में होगा अंतिम संस्कार :

पांडुरंग फुंडकर के अंतिम दर्शन शुक्रवार को उनके होमटाउन बुलढाणा में होंगे उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.   

English Summary: Pandurang death News Published on: 30 May 2018, 11:45 PM IST

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