ओडिशा में स्थानीय समुदायों द्वारा प्यार से "बिहाना दीदी" (सीड लेडी) कहलाने वाली भारतीय कृषि वैज्ञानिक स्वाति नायक को शायद आदिवासी गांवों में किसानों के साथ रहने और उनकी वास्तविक जरूरतों को समझने का फल मिलना शुरू हो गया है. दरअसल, गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) की शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. स्वाति नायक को फील्ड अनुसंधान और अनुप्रयोग के लिए प्रतिष्ठित नॉर्मन ई बोरलॉग पुरस्कार 2023 के लिए चुना गया है. इसी के साथ डॉ. नायक नॉर्मन ई बोरलॉग पुरस्कार पाने वाली तीसरी भारतीय और पहली उड़िया हैं. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाले अन्य दो भारतीय अदिति मुखर्जी (2012) और महालिंगम गोविंदराज (2022) हैं.
मालूम हो कि डॉ. स्वाति नायक आईआरआरआई, नई दिल्ली में बीज प्रणाली और उत्पाद प्रबंधन की दक्षिण एशिया प्रमुख हैं. ऐसे में आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं-
डॉ. स्वाति नायक को नॉर्मन ई बोरलॉग पुरस्कार क्यों मिलेगा?
दरअसल, भारतीय कृषि वैज्ञानिक स्वाति नायक के काम की ओर संभवतः वैश्विक ध्यान आकर्षित करने वाली बात यह थी कि नायक और उनकी टीम ने ओडिशा में सूखा-सहिष्णु शहभागी धन चावल की एक किस्म को तैयार करने की रणनीति तैयार की. चावल की इस किस्म की वजह से आगे चलकर वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में बड़ा बदलाव आया. इसका अलावा, चावल की यह किस्म सभी किसान परिवार के भोजन और फसल चक्र का एक अभिन्न अंग बन गई. वहीं, डॉ. स्वाति नायक की मेहनती रणनीति, साझेदारी और यूनिक पोजिशनिंग मॉडल के माध्यम से भारत, बांग्लादेश और नेपाल में धान की कई क्लाइमेट रेसिस्टेंट राइस वैरायटी की सफलतापूर्वक खेती हो रही है.
नॉर्मन ई बोरलॉग पुरस्कार क्या है?
नॉर्मन ई बोरलॉग पुरस्कार नोबेल पुरस्कार विजेता और हरित क्रांति के मुख्य वास्तुकार डॉ नॉर्मन बोरलॉग की स्मृति में 40 साल से कम आयु के असाधारण वैज्ञानिकों और खाद्य और पोषण सुरक्षा, भूख उन्मूलन के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है. वहीं दिल्ली में रहने वाली ओडिशा की वैज्ञानिक स्वाति नायक को अक्टूबर माह में यह पुरस्कार मिलेगा.
डॉ. स्वाति नायक कौन हैं?
कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वाति नायक ओडिशा की रहने वाली है. नायक ने आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय में 2003-2007 के बीच कृषि विज्ञान में स्नातक किया. इसके बाद ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद में ग्रामीण प्रबंधन में 2008-2010 के बीच मास्टर किया. फिर एमिटी विश्वविद्यालय में कृषि विस्तार प्रबंधन रणनीति के लिए प्रतिस्पर्धी खुफिया और रणनीतिक प्रबंधन में 2017-2022 के बीच पीएच.डी. की. वहीं स्वाति फिलहाल अपने पति प्रियदर्शी बल के साथ नई दिल्ली में रहती हैं. उनके पिता लक्ष्मीधर नायक और मां विजयलक्ष्मी नायक भुवनेश्वर में रहते हैं.
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