भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के शिकोहपुर, गुड़गाँव स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषि विभाग, गुड़गाँव के कृषि विकास अधिकारियों हेतु खरीफ मौसम को ध्यान में रखते हुए खरीफ फसलों में समेकित कीट प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें गुड़गाँव के विभिन्न खण्डों पर तैनात 18 कृषि विकास अधिकारियों तथा कृषि प्रसार कार्यकर्ताओं ने भाग लिया । प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने किया ।
कृषि विज्ञान केन्द्र के विषय विशेषज्ञ(पौधा संरक्षण) डॉ. भरत सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान पर्यावरण के अनुकुलतम व रासायनिक कीटनाशकों की अवशेषी विषाक्तता से रहित जीवधारियों की खाद्य श्रृंखला को विषमुक्त रखने के उद्देश्य से समेकित कीट प्रबंधन प्रणाली को अत्यधिक महतवपूर्ण बताया । उन्होंने खरीफ मौसम के दौरान उगाई जाने वाली विभिन्न दलहनी फसलों – अरहर, मूंग,सोयाबीन, ग्वार, व तिलहनी फसलों में तिल एवं अनाज वाली फसलों में धान, बाजरा तथा सब्जी वर्गीय फसलों के प्रमुख कीटोंव रोगों के प्रति समेकित कीट प्रबंधन तकनीकों के तहत उनके प्रबंधन के बारे में जानकारी दी ।
इस अवसर पर डॉ. भरत सिंह ने बताया कि विभिन्न कीटों, रोगों, सूत्रक्रमियों तथा खरपतवारों की मौजूदगी और उनके संक्रमण पर प्राथमिकता के आधार पर निगरानी तथा उनसे होने वाले नुकसान का आर्थिक स्तर पर आंकलन कर इनके समुचित प्रबंधन हेतु कम खर्चीली एवं कृषक के व्यवहार में आने वाली तकनीकों का समावेश फसल उत्पादन की लागत को कमतर करके उत्पादन में अधिकतम वृद्धि की जा सके । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए खेतों में भूपरिष्करण, फसलों की उन्नतशील प्रजातियों का चयन, बीज उपचार, फसल चक्र, उचित समय पर फसलों की बुवाई, संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग, जल निकास व सिंचाई जल प्रबंधन तथा जहरीले कीटनाशकों की बजाय कीटनाशी रहित कीट नियंत्रण की तकनीकों को कृषक स्तर पर पहुंचाने के प्रति सभी कृषि विकास अधिकारियों से आह्वाहन किया ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में कृषि उपमंडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने समेकित कीट प्रबंधन तकनीकों को प्रभावी ढंग से कृषक स्तर तक हस्तानांतरण करने के लिए सभी कृषि विकास अधिकारियों को प्रेरित किया तथा प्रशिक्षण के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों के प्रति आभार प्रकट किया ।
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