मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने जैविक खाद बनाने के लिए एक खास तकनीक ईजाद की है. इस तकनीक से बिना जमीन और बिना सीमेंटेड किट के जैविक खाद का निर्माण किया जा सकेगा. इसके लिए सिर्फ आपको प्लास्टिक डलिया का इस्तेमाल करना होगा. संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि जैविक खाद बनाने की इस आधुनिक तकनीक से महज 100 रूपये के खर्च में ही खाद का निर्माण किया जा सकेगा.
400 रुपये बाजार कीमत
यह तकनीक उन लोगों के लिए काफी मददगार होगी जो होम गार्डनिंग करते हैं. उन्हें इस तकनीक से अच्छी खाद प्राप्त हो सकेगी. वैज्ञानिकों ने खाद की इस आधुनिक तकनीक को 'फैमिली नेट वैसेल कम्पोस्ट' नाम दिया है. सीनियर साइंटिस्ट डॉ. आशा साहू का कहना है कि वैसे तो जैविक खाद बनाने की कई प्रचलित तकनीक है लेकिन इस तकनीक से बेहद कम खर्च में ही अच्छी खाद का निर्माण किया जा सकेगा. वहीं इस तकनीक में जमीन की भी जरूरत नहीं पड़ती है. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक की डलियों की मदद से 30 से 40 दिनों में ही जैविक खाद का निर्माण किया जा सकेगा. महज सौ रूपये के खर्च में ही 300 से 400 रूपये की कीमत की खाद तैयार की जा सकेगी.
ऐसे तैयार होगी खाद
इस तकनीक से खाद निर्माण के लिए नाइलोन की डेढ़ फीट लंबी और एक फीट चौड़ी नेट प्रयोग में की जाती है. जिसे गोलाई में सिलकर नीचे से रस्सी से बांध दिया जाता है. खाद निर्माण के लिए इसमें प्लास्टिक की डलिया डाली जाती है. नाइलोन की इस कीट को घर के आसपास स्थित पेड़ आसानी से बांधा जा सकता है. इसमें घर से रोजाना निकलने वाला कचरा डाला जाता है. बता दें कि एक चार सदस्यीय परिवार के घर से रोजाना 400 से 500 ग्राम गीला कचरा निकलता है. इसी कचरे को किट या डलिया में भर दिया जाता है. गीले कचरे पर सड़ा गोबर और 100 ग्राम केंचुए डालने के बाद इस मिश्रण को टाट से ढक दिया जाता है. इस पर नमी बनी रहे इसलिए रोजाना पानी का छिड़काव करते हैं. 30 से 40 दिनों में जैविक खाद तैयार हो जाती है.
बेहतर तकनीक है
संस्थान के निदेशक डॉ अशोक के. पात्रा का कहना है कि यह बेहतर तकनीक है जिसमें घरेलु कचरे से जैविक खाद का निर्माण किया जाता है.
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