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पीएम मोदी के प्रस्ताव पर ही अब पूरी दुनिया साल 2023 को मना रही मिलेट अनाज (श्री अन्न) वर्ष: कमल पटेल

कृषि मंत्री कमल पटेल ने देवभूमि उत्तराखंड में कहा कि पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर मिलेट अनाज (श्री अन्न) को पहचान दिलाई है.

लोकेश निरवाल
मिलेट अनाज (श्री अन्न) की उत्पत्ति का जनक हमारा देश
मिलेट अनाज (श्री अन्न) की उत्पत्ति का जनक हमारा देश

कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल बुधवार को उत्तराखंड के मसूरी में शुरू हुई शुरू काउंसिल ऑफ स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड्स (सीओएसएएमबी) के राष्ट्रीय सेमिनार में शामिल हुए. सेमिनार "मिलेट्स-पोटेंशियल एण्ड अपार्चुनिटी'' विषय पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि मिलेट अनाज की उत्पत्ति सबसे पहले हमारे भारत देश से ही हुई. जो हमारे देश की संस्कृति के साथ हम इसे प्राचीन उपज कह सकते हैं.

इसी प्राचीन उपज को हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री अन्न का नाम दिया है. श्री अन्न की जननी भारत है. जो अब पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रही है. कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है.

ऋषि-मुनियों और भगवान बलराम के समय से हमारे यहां खेती हो रही है. लेकिन बीच के कालखंड में खेती घाटे का धंधा रही और किसान कर्जे में रहा. लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हैं. उन्होंने देश के किसानों की चिंता की है. देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने देश की रीढ़ मानी जानी वाली खेती - किसानी को मजबूत करने का काम किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल के बाद मिलेट की संभावनाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष बनाने का मनाने का प्रस्ताव रखा था. जिसे स्वीकार किया गया और आज पूरी दुनिया 2023 को मिलेट वर्ष के रूप में मना रही है. यह हमारी उपलब्धि है कि सारी दुनिया को स्वस्थ रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सारी दुनिया का ध्यान मिलेट अनाज की तरफ मोड़ा है.

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बांधे कृषि मंत्री कमल पटेल के तारीफों के पुल

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री और किसान नेता कमल पटेल को नए नवाचारों को गढ़ने का पर्याय माना जाता है. उनके कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में प्रदेश में किए गए नवाचारों की तारीफ जहा एक ओर राष्ट्रीय नेतृत्व-समय पर तो करता ही है. लेकिन देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में भी उनके नए नवाचारों को गढ़ने की धूम है. देश में पहाड़ों की रानी कहीं जाने वाली उत्तराखंड की मसूरी जो आईएएस अधिकारियों के ट्रेनिंग सेंटर का अड्डा जहा वे सब गुर सीखते हैं. वहा पर मिलेट अनाज (मोदी विजन श्री अन्न) की संभावनाओं को लेकर राष्ट्रीय सेमिनार में मंथन चल रहा है. जिसमें देशभर के कृषि मंत्री विषय विशेषज्ञों के साथ भाग ले रहे हैं. मसूरी के इस सेमिनार में मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल भी शामिल हुए. मिलेट्स अनाज पर पीएम मोदी के विजन को लेकर कृषि मंत्री पटेल ने अपने कई सारे तर्क रखे. इसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अपना वक्तव्य देना शुरू किया.

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मुख्यमंत्री धामी ने इसके सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों की मौजूदगी में मिलेट अनाज पर मोदी विजन एवं कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में कृषि मंत्री कमल पटेल के किए गए नवाचारों की भूरी-भूरी प्रशंसा के साथ पटेल की तारीफों के पुल बांधे और सेमिनार में उन्होंने अपने भाषण में 6 बार पटेल का नाम लेकर सभागार को तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान कर दिया.

English Summary: On the proposal of PM Modi, now the whole world is celebrating the year 2023 as the year of millet grain (Shri Anna): Kamal Patel Published on: 12 April 2023, 05:19 PM IST

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