ओडीओपी यानी एक जिला, एक उत्पाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना में से एक है. इस तर्ज पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में खेतीबाड़ी से संबंधिक उत्पादों के ओडीओपी की घोषणा की है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 45 जिलों को शामिल किया गया है. यह योजना अगर सफल रहती है तो प्रदेश के लाखो किसानों को काफी लाभ मिलेगा. उत्पादों के चयन में फसलों को लेकर कुछ मानक तय किए गये हैं इसमें जलवायु क्षेत्र की उपयुक्तता, उत्पाद की गुणवत्ता, स्वाद, सुगंध, पौष्टिकता, औषधीय गुणों और निर्यात की आशंकाओं को शामिल किया गया है. वहीं किसानों को फसलों की प्रजाती कौन सी लगानी है इस बात की जानकारी भी दी जा रही है.
दिल्ली जाएंगी गाज़ियाबाद और गौतबुद्ध नगर की ताज़ी सब्जियां
इस स्कीम में सबकुछ मानकों के अनुकुल रहेगा तो राज्य के बुंदेलखंड, हमीरपुर, महोबा और सोनभद्र के चने देशभर में प्रसिद्ध हो जाएगी. बंदायूं का बाजरा भी देश में नाम करेगा. लोगों की सेहत के लिए गौतमबुद्ध नगर और गाज़ियाबाद की ताज़ी सब्जियों को दिल्ली में लोकप्रियता हासिल होगी. वाराणसी की हरी मिर्च औऱ गोरखपुर के कालानमक की खेती करने वाले किसानों के लिए भी संभावनाएं बेहतर होगी.
योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2018 में की थी घोषणा
इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2018 में की थी. इस योजना के तहत कई प्रकार के उत्पादों को शामिल किया जाएगा. इसमें कई जिले के किसानों और उनके उत्पादों को शामिल किया गया है. इसका मकसद किसानों को उनके उत्पाद को बेहतर बनाना और उन्हें अधिक से अधिक लाभ दिलाना है.अपर मुख्य सचिव लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग नवनीत सहगल ने कहा कि "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों के हित में लगातार कदम उठा रहे हैं. योजना ओडीओपी के कई जिलों के उत्पाद खेती-बाड़ी से संबंधित हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के बेहतरी के लिए कार्य किया जा रहा है और उन्हें और बेहतर बनाने के लिए कई प्रकार से प्रयास किये जा रहे हैं. आखिरी में उन्होंने कहा कि केंद्र की मदद से हम इसे और बेहतर बना सकते हैं.
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