दलित बच्ची से गैंगरेप और हत्या के मामले में विवादित बयान देने के बाद अब उड़ीसा के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस तरह के बयांन के बाद राज्य में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था जिसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. मीडिया की खबरों की मानें तो कृषि मंत्री ने इस्तीफा इस वक्त दिया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही ओडिशा सरकार से पीपली सामूहिक बलात्कार-हत्या मामले की जांच फिर से शुरू करने के लिए कहा था.
ज्ञात हो कि वर्ष 2011-12 में पीपली बलात्कार कांड काफी चर्चा में था. उस दौरान इस मामले में जिन आरोपियों को बरी किया गया था उनके समर्थन में ओडिशा के कृषि मंत्री ने कहा था कि मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. यह एक बुराई के ऊपर सच्चाई की जीत है. बस उनके इसी बयान से राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया था और लोग महारथी के विरोध में सड़को पर उत्तर गए थे.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा सरकार पर महिलाओं और लड़कियों के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया था. उन्होंने पीपली बलात्कार के मामले की दुबारा जाँच करने की सिफारिश की थी. उन्होंने आगे कहा कहा कि सरकार आठ साल पहले हुई इस घटना को न्याय दिलाने में असमर्थ रही है. इससे साफ-साफ दिखता है कि राज्य सरकार महिलाओं के मामले में कितनी सजींदा है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था, 'हम मामले को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं. सरकार ने आरोपियों को संरक्षण नहीं दिया है.
बता दें कि साल 2011 में 19 वर्षीय युवती के साथ बलात्कार हुआ था. उसके बाद पीड़िता कोमा में चली गई थी. कोमा में ही रहने के दौरान साल 2012 में पीड़िता की मौत हो गई थी. इस घटना को लेकर राज्यव्यापी रोष व्याप्त हो गया था. उस वक्त यह आरोप लगा था कि कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने आरोपियों को संरक्षण दिया था.
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