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अब इन स्थानों पर भी होगा फसल बीमा योजना

केंद्र सरकार फसल बीमा पालिसी बेचने के लिए कॉमन सर्विस सेंटरों (सी.एस.सी.) और डाकघरों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करेगी। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी पी.एम.एफ.बी.वाई. जैसी क्रॉप इंश्योरेंस स्कीमों को कर्ज नहीं लेने वाले किसानों तक पहुंचाने के लिए यह फैसला किया है। यह काम जुलाई से शुरू हो रहे अगले फसल वर्ष 2017-18 में चालू होगा। फिलहाल कर्ज लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा पॉलिसी लेना अनिवार्य है। सरकार चाहती है कि पी.एम.एफ.बीवाई के साथ मौसम आधारित फसल बीमा स्कीम (डब्ल्यू.बी.सी.आइ.एस.) का लाभ लोन लेने और न लेने वाले दोनों तरह के किसानों को मिले।

केंद्र सरकार फसल बीमा पालिसी बेचने के लिए कॉमन सर्विस सेंटरों (सी.एस.सी.) और डाकघरों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करेगी। सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी पी.एम.एफ.बी.वाई. जैसी क्रॉप इंश्योरेंस स्कीमों को कर्ज नहीं लेने वाले किसानों तक पहुंचाने के लिए यह फैसला किया है। यह काम जुलाई से शुरू हो रहे अगले फसल वर्ष 2017-18 में चालू होगा। फिलहाल कर्ज लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा पॉलिसी लेना अनिवार्य है। सरकार चाहती है कि पी.एम.एफ.बीवाई के साथ मौसम आधारित फसल बीमा स्कीम (डब्ल्यू.बी.सी.आइ.एस.) का लाभ लोन लेने और न लेने वाले दोनों तरह के किसानों को मिले।

एक वरिष्ट सरकारी अधिकारी ने कहा कि फिलहाल बैंकों से कर्ज नहीं लेने वाले किसानों में से केवल 22 फीसद ने ही फसल बीमा पॉलिसी ले रखी है। हम इन किसानों के बीच फसल बीमा लेने वालों का अनुपात बढ़ाकर 40-50 फीसद तक पहुंचाना चाहते हैं। इसीलिए उन तक पहुंचने की खातिर कई प्लेटफॉर्मो का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से स्थापित 1.75 लाख सी.एस.सी. का इस्तेमाल अभी तक आधार नंबर देने, पासपोर्ट के लिए आवेदन और रेलवे टिकटों की बुकिंग में किया जा रहा था।

बीमा नियामक इरडा पहले ही एजेंटों और इंटरमीडियरीज को फसल बीमा के लिए सी.एस.सी. पोर्टल का इस्तेमाल करने की अनुमति दे चुका है। फिलहाल इसका परीक्षण किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने अगले फसल वर्ष के लिए पीएमएफबीवाई और डब्ल्यूबीसीआइएस पॉलिसियों को बेचने के लिए 13 बीमा कंपनियों को पैनल में शामिल किया है। बाजार में प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए ज्यादा कंपनियों का नामांकन किया गया है।

English Summary: Now these places will also have crop insurance plans Published on: 28 August 2017, 05:48 AM IST

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