हमारे देश में किसान भाई हमेशा से अपनी आय में इजाफा करने हेतु खेतीबाड़ी के अलावा पशुपालन व मछली पालन जैसी आर्थिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं. वहीं कृषि विशेषज्ञ भी किसानों को खेती बाड़ी के अलावा पशुपालन व मछली पालन जैसी आर्थिक क्रियाएं करने के लिए प्रेरित करते रहे हैं.
इसके अलावा सरकार की तरफ से भी मछली पालन व मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में कई तरह की योजनाएं वर्तमान में संचालित की रही हैं. वहीं, केंद्र सरकार भी मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में हमेशा से कोई न कोई कदम उठाती ही रहती है.
इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से एक ऐसा ही कदम मत्स्य पालन के संदर्भ में उठाया गया है. दरअसल, सरकार ने गंगा नदी में मत्स्य पालन करने की छूट प्रदान की है. सरकार ने अपने फैसले में कहा कि हमारे मत्स्य पालक अब वैधानिक रूप से गंगा में मछली पालन कर सकते हैं.
हालांकि, इससे पहले भी गंगा में मछली होता रहा है, लेकिन वह वैधानिक नहीं था, लेकिन अब सरकार ने अपने निर्देश में इसे वैधानिक लबादा पहना दिया है. अब हमारे मत्स्य पालक भाई वैधानिक रूप से मत्स्य पालन कर सकते हैं. केंद्र सरकार अपनी कार्ययोजना के मुताबिक, जिले का 37 किलोमीटर हिस्सा आवंटित करने की तैयारी कर रही है. सरकार की तरफ से पट्टा भी आवंटित किया जाएगा. बता दें कि सरकार के निर्देश से पहले महज जिले के स्थानीय लोग ही गंगा में मछलियों का अहेर करते थे, लेकिन अब हमारे मत्स्य पालक भाई वैधानिक रूप से मछलियों का पालन कर सकते हैं.
सरकार ने यह निर्देश किसानों की आय में इजाफा करने हेतु लिया है. वैसे भी सरकार की तरफ से हमेशा से किसान भाइयों को पशुपालन व मत्स्य पालन करने के लिए कहा जाता रहा है. जिन किसानों ने सरकार के इन सुझावों को आत्मसात किया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिला प्रशासन ने अभी महज गंगा नदी के 37 किलोमीटर दायरे में ही मछली पालन की इजाजत मिली है. माना जा रहा है कि अगर सरकार का यह कदम किसानों की आय में इजाफा करने में कारगर रहा, तो आने वाले दिनों में गंगा नदी में मछली पालन के दायरे को बढ़ाया जाएगा, ताकि उनकी आय में इजाफा किया जा सकें.
खैर, सरकार का यह कदम आने वाले दिनों में मत्स्य पालकों की आय में क्या कुछ परिवर्तन लाता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. एक रिपोर्ट में यह भी सामने आने आया है कि गंगा नदी में अन्य नदियों की तुलना में अत्याधिक मात्रा में मछलियां पाई जाती हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार का यह कदम काफी उपयोगी माना जा रहा है. खैर, अब आने वाले दिनों में यह फैसला हमारे मत्स्य पालकों की आय में कुछ परिवर्तन लेकर आता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. तब तक के लिए आप मत्स्य पालन से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम
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