धान की पराली सिर्फ किसानों के लिए एक बड़ी समस्या ही नहीं होती है, बल्कि आम जनता की सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. धान की पराली से होने वाला धुएं में कई विषैले तत्व होते हैं, जो हम सभी के लिए हानिकारक होते हैं, लेकिन अब यही धान की पराली किसानों के लिए मुनाफेदार साबित होगी.
जी हाँ, अब धान की पराली से सीबीजी यानि कंप्रेस्ड बायोगैस (Compressed Bio Gas) का निर्माण किया जायेगा. जिसका इस्तेमाल सीएनजी गैस से चलने वाली गाड़ियों में किया जायेगा.
दरअसल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टूवार्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपार्टेशन (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation ) योजना के तहत रुहेलखंड के बदायूं जनपद में सीबीजी प्लांट का निर्माण शुरू करा दिया है. यह प्लांट माह अगस्त 2022 तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. जिसमें पराली से कंप्रेस्ड बायोगैस तैयार की जाएगी. बता दें कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम के अधिकारियों ने आगामी सीजन से ही सीबीजी बनाने के लिए पराली की खरीद किसानों से भी शुरू कर दी है.
कम्पनी का उद्देश्य (Company Objective)
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय का उद्देश्य किसानों की आमदनी को बढ़ाना है, साथ ही वायुमंडल को भी प्रदूषित होने से बचाना है. इसके अलावा कंपनी की तरफ से मिली जानकारी में बताया गया है कि इस पहल से पेट्रोल और डीजल की खपत भी कम होगी, साथ ही कच्चा तेल पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा का बजट भी कम होगा.
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हिंदुस्तान पेट्रोलियम की तरफ से शुरू की गयी इस योजना के तहत कम्पनी करीब रोजाना किसानों से 100 टन धान की पराली की खरीद कर साल में करीब 36 हजार टन पराली को कच्चे माल के रूप में निर्माण करेगी. वहीँ कंपनी पराली से सीएनजी गैस के साथ- साथ जैविक खाद का भी निर्माण करेगी.
इसके अलावा प्लांट से निकलने वाला तरल पदार्थ को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा. यह खाद नैनो यूरिया व डीएपी की तरह कारगार होगी. यह फसलों के लिए संजीवनी साबित होगी.
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