मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आज से दो दिनों के लिए किसान जन संसद शुरू हुई है। इसमें देशभर के उन किसानों ने हिस्सा लिया जिनके पास भूमि नहीं है। इस संसद में किसानों ने सरकारी नीतियों की चर्चा की और आगामी किसान आंदोलन की रणनीति तय की।
एकता परिषद की युवा इकाई के प्रमुख अनीस ने बताया कि, ''केंद्र सरकार ने 2012 में भूमिहीनों को भूमि देने का वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ। सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में यह जन-संसद हो रही है। अगले साल एक बार फिर एक लाख से ज्यादा लोग दिल्ली कूच करेंगे।'' अनीस के मुताबिक, ''वर्ष 2012 में भूमिहीनों के आंदोलन के दौरान वर्तमान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलन का समर्थन किया था, लेकिन अब उनका रुख वैसा नहीं रहा। उनके दल की सरकार आए साढ़े तीन साल हो गए, लेकिन भूमिहीनों की मांग पूरी नहीं हुई। इसीलिए जन-संसद के लिए उनके गृहनगर ग्वालियर को चुना गया है।''
इस संसद में आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की गई। एकता परिषद द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय जन संसद में देश के विभिन्न हिस्सों के सामाजिक आंदोलनों से जुड़े प्रतिनिधि पहुंचे हैं।
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