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डिजिटल किसान : व्हाट्सएप्प से बचा रहे हैं अपनी फसलों को...

दोस्तों ये बात तो आप सभी जानते है कि व्हाट्सएप आज हमारी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बना हुआ है. व्हाट्सएप को उपयोग लोग दोस्तों, रिश्तेदारों से जुड़ने के साथ साथ ऑफिस के कार्यों में भी धड़ल्ले से किया जा रहा है.

दोस्तों ये बात तो आप सभी जानते है कि व्हाट्सएप आज हमारी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बना हुआ है. व्हाट्सएप को उपयोग लोग दोस्तों, रिश्तेदारों से जुड़ने के साथ साथ ऑफिस के कार्यों में भी धड़ल्ले से किया जा रहा है.

एक शोध के अनुसार विश्व में जुलाई 2017 में इसके 130 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस तकनीकि का फायदा उठाते हुए सहभागी फसल की निगरानी एवं निदान प्रणाली योजना के तहत किसानों को व्हाट्सएप व मैसेज के जरिए मदद करने की व्यवस्था की है। अब व्हाट्सएप किसान की फसलों में कीटों व रोगों से निजात दिलाने में मदद करेगा। 

बता दें यह विकल्प राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए जारी किए गए व्हाट्सएप नंबर से संभव हुआ है। व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज करने के 48 घंटे के भीतर आपके पास दवाओं का नाम आ जाएगा। यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लागू हो चुकी है। अगर किसी किसान की फसलों में कोई रोग या कीट लग गया तो वह अपनी फसल की फोटो के साथ ही उस समस्या को मोबाइल नंबर 9452247111 या 9452257111 पर व्हाट्सएप या एसएमएस कर सकते हैं। 

कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ मात्र 48 घंटे के भीतर आपके द्वारा भेजी गयी फोटो व नाम से  रोगों को खत्म करने के लिए दवाईयों का नाम व किस मात्रा में डालना है वो भी भेज देंगे। साथ ही साथ कृषि विभाग के उच्चाधिकारी किसान को कॉल करके यह भी पूछेंगे कि उनकी समस्या का समाधान हो गया या नहीं। 

इस नंबर से जुड़ने के लिए किसान भाई अपने या अपने घर के किसी भी सदस्य के नंबर से 9452247111 या 9452257111 पर अपना नाम,  गाँव, पोस्ट, विकासखंड, तहसील और जनपद का नाम भेजकर जुड़ सकतें है. इसके अलावा किसान भाई एसएम्एस के जरिये भी सन्देश भेज सकतें है, सरकार द्वारा किसानों के लिए यह सेवा बिलकुल मुफ्त है.

English Summary: Digital Farmers: What are you doing to save your crops from whatsapp? Published on: 07 November 2017, 05:35 AM IST

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