अब आप ही बताइए कि आपको कैसा लगेगा कि जब किसी रेगिस्तानी इलाके में हरियाली भरे बांसों की बरसात आ जाएगी. जहां कल तक वीरानगी का बसेरा था. अगर वहां हरियाली अपनी पैठ बना लें तो वो मंजर कैसा रहेगा. जहां कल तक चटक भरी धूप से लोगों का हाल बेहाल होता था. अगर वहां एकाएक बांसों की बयार बहने लग जाए तो कैसा रहेगा?
कुल मिलाकर यही होगा कि आप हैरान हो जाएंगे और आपके जेहन में यह सवाल उठेगा कि आखिर यह सब अगर होगा तो होगा कैसे? तो यह सब KVIC की प्रोजेक्ट की वजह से होगा, जिसका नाम ‘बोल्ड प्रोजेक्ट’ है. इसी प्रोजेक्ट के तहत रेगिस्तानी इलाकों में हरियाली बढ़ाने की दिशा में बांस लगाने की योजना बनाई गई है, ताकि रेगिस्तानी इलाकों में भी हरियाली बढ़ाई जा सकें. आइए, इस लेख में आगे इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं.
बोल्डो प्रोजेक्ट
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के तहत खाद्दी एवं ग्रामोद्योग आयोग के तत्वावधान में एक परियोजना की शुरूआत की गई है. इस परियोजना का नाम ‘बोल्ड प्रोजेक्ट’ है.
इसके तहत रेगिस्तानी इलाकों में हरियाली बढ़ाने की दिशा में बांस लगाने की योजना बनाई गई है. इसी क्रम में विगत 28 जुलाई को राजस्थान के जैसलमेर में 1 हजार बांस लगाए गए थे. यह सिलसिला अभी-भी जारी है. यह सिलसिला कब तक जारी रहेगा, जब तक की रेगिस्तानी इलाकों में हरियाली की बयार बहना शुरू नहीं हो जाती है. वहीं, राजस्थान के इतर अन्य इलाकों में भी हरियाली बढ़ाने की दिशा में पेड़ पौधे लगाने की दिशा में योजना बनाई गई है. आइए, इस लेख में आगे जानते हैं कि अन्य राज्यों के लिए पेड़ पौधे लगाने की क्या योजना है?
ऐसा है अन्य राज्यों का प्लान
अगर अन्य राज्यों के प्लान की बात करें, तो अन्य राज्यों में हरियाली बढ़ाने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया जा चुका है. स्वंतत्रता दिवस के मौके पर केवीआईसी ने खाद्य बांस महोत्सव की पहल की है.
इस माह में गुजरात और राजस्थान में भी हरियाली बढ़ाने की दिशा में बांस लगाने की योजना बनाई गई है. इसी दिशा में आगामी 21 अप्रैल को राजस्थान समेत गुजरात में 15 हजार पौधे लगाने का प्लान तैयार किया गया है. जिस तरह विगत कुछ वर्षों से पर्यावरण का हास होता जा रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से यह पहल किया गया है. यह सब कुछ इसलिए किया जा रहा है, ताकि बांस की तादाद में इजाफा किया जा सकें. यहां गौर करने वाली बात यह है कि हरियाली बढ़ाने की दिशा में बांस की रोपाई का जा रही है. तो आइए इस लेख में आगे हम आपको बांस के बारे में अतरिक्त जानकारी दिए चलते हैं.
जानिए बांस के बारे में कुछ खास बातें
बता दें कि भारत में कुल 136 प्रजातियों के बांस है, जिसकी खेती 139 मिलयन भूमि पर खेती होती है. रतेली इलाकों में इसकी खेती कर इससे अच्छा मुनाफा अर्जित किया जा सकता है. वैसे भी बांस के इस्तेमाल कई तरह के पदार्थों में इस्तेमाल में लिया जाता है. जैसे कुर्सी, पलंग, फर्नीचर के इस्तेमाल में लाया जाता है. इससे स्वरोजगार में भी इजाफा होता है.
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