क्या आप भी अब तक ऐसा मानते हुए आ रहे हैं कि पंजाब के किसान देश के सबसे अमीर किसानों की फेहरिस्त में शुमार हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब आपकी यह जानकारी गलत साबित होने जा रही है. बेशक, कल तक आपकी यह जानकारी समय अनरूप ठीक रही हो, लेकिन अब बदलते वक्त के साथ आपकी यह जानकारी गलत साबित होने जा रही है, क्योंकि कई राज्यों के किसान अब अपनी मेहनत के दम पर पंजाब और हरियाणा जैसे किसानों को पछाड़कर देश के अधिक आय अर्जित करने वाले किसानों की फेहरिस्त में शुमार हो चुके हैं.
बता दें कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया है, जिसमें सबसे अधिक आय अर्जित करने वाले किसानों के बारे में बताया गया है. इस आंकड़े में जो बातें निकलकर सामने आई है, वो यह है कि सबसे अधिक आय अर्जित करने वाले किसान पंजाब या हरियाणा नहीं, बल्कि मेघालय बन चुका है. मेघलाय के किसान अब अपनी मेहनत के दम पर पंजाब और हरियाणा जैसे किसानों की तुलना में अधिक आय अर्जित कर रहे हैं.
वहीं, पंजाब के किसानों की पृष्ठभूमि की बात करें तो इस बात में कोई दोमत व दोराय नहीं है कि यहां के किसान हमेशा से देश की अर्थव्यवस्था को विकसित करने की दिशा में अहम योगदान देते हुए आए हैं. खासकर हरित क्रांति के दौर से लेकर अब तक पंजाब के किसानों ने खद्दान के मामले में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, लेकिन अभी हाल ही में सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक अब इस मामले में मेघायल आगे निकल चुका है. आइए, जरा सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर तफसील से गौर फरमाते हैं.
डालिए जरा इन आंकड़ों पर एक नजर
सरकार द्वारा जारी किए गए इन आंकड़ों के मुताबिक, जैसा की हम आपको बता ही चुके हैं कि सबसे ज्यादा अधिक आय अर्जित करने वाले किसान मेघालय के हैं. मेघालय के किसान प्रतिमाह 29,384 रूपए अर्जित करते हैं. वहीं, मेघालय के बाद अभी-भी अगले पायदान पर हरियाणा और पंजाब के किसान ही सबसे ज्यादा अधिक आय अर्जित करते हैं. पंजाब के किसान प्रतिमाह27,301 रूपए प्रतिमाह अर्जित करते हैं.
वहीं, कल तक गुरबत में जीने वाले जम्मू-कश्मीर के किसानों की आय प्रतिमाह 11 हजार 118 रूपए है. खैर, यह तो रहे सबसे अधिक आय अर्जित करने वाले राज्य, लेकिन आइए आगे सबसे कम आय अर्जित करने वाले किसानों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
ये हैं सबसे कम आय अर्जित करने वाले राज्यों के किसान
वहीं, अगर सबसे कम आय अर्जित करने वाले किसानों की बात करें, तो इस मामले में सबसे आगे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं. हालांकि, कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, आर्थिक दृष्टिकोण से किसानों की यह स्थिति अभी संतुष्टिदायक नहीं है। अभी हमें किसानों की आर्थिक दशा को सुधारने की दिशा और प्रयास करने की आवश्यकता है.
वहीं, यह आंकड़े आगामी २०२२ तक किसानों की आय को दोगुनी करने के ध्येय से आत्मसंतुष्टि देते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. अब ऐसे में सरकार इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए आगे क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. तब तक के लिए आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम
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