प्लास्टिक हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक मानी जाती है. प्लास्टिक में पाए जाने वाला पॉलीकार्बोनेट एक प्रकार का जहरीला तत्व होता है, जो कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों को बढ़ावा देता है, इसलिए हम सभी को प्लास्टिक से बने बर्तनों को इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए.
इसके अलावा प्लास्टिक से वातावरण भी प्रदूषित होता है, क्योंकि यह वातावरण में बीमारियों को फैलाता है. इस वजह से आजकल सभी जगह प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन भी लगाया जा रहा है. प्लास्टिक से बढ़ती बीमारियों को देख सभी जगह कागज और अन्य चीजों से बोतल और बर्तन का निर्माण किया जा रहा है.
इसी बीच आज एक ऐसी खबर आ रही है कि कागज का इस्तेमाल कर एक अनूठा प्रयोग किया है. जिसकी मांग बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ भी कर रही हैं. दरअसल, समीक्षा गनेरीवाल, जो नोएडा की रहने वाली हैं, जिन्होंने एक ईको फ्रेंडली बोतल बनाई है, जो 100 प्रतिशत घुलनशील यानि डीकंपोजेबल है. जी हाँ, नोएडा की समीक्षा ने कागज की बोतल बनाई है, जो पर्यावरण के अनुकूल है. तो आइये इस कागज की बनी बोतल की विशेषता बताते हैं.
कागज से बनी बोतल की विशेषता (Characteristic Of Paper Bottle)
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समीक्षा द्वारा बनाई गयी बोतल पर्यावरण से होने वाले नुकसान से बचाव करती है.
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कागज के टुकड़ों से बनाई गयी बोतल है, जिसे प्राकृतिक गोंद से जोड़ कर बनाया गया है.
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बोतल में किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ रखने से नुकसान नहीं होता है.
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इस बोतल का ढक्कन भी कागज और मिट्टी में घुल जाने वाले प्राकृतिक तत्वों से ही बना है.
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कागज की बनी बोतल को 9 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है और उसके बाद इसे गमले की मिट्टी में ही दबाया जा सकता है, ताकि वो डीकंपोज हो जाए.
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समीक्षा ने अपने लिए गये इंटरव्यू में यह बताया है कि फिलहाल वे कागज से बनी बोतल का उपयोग शैंपू, कंडीशनर और हैंडवाश आदि पैक करने के लिए कर रही हैं. इसके बाद जल्द ही पानी और जूस भरने के लिए कागज की बोतल तैयार की जाएगी.
बता दें कि समीक्षा द्वारा बनाई गयी कागज की बोतल का अनूठा प्रयोग बड़ी – बड़ी कंपनियों को बहुत ही पसंद आ रहा है. कम्पनियाँ इस कागज की बनी बोतल की मांग भी कर हैं. इस कागज की बोतल की कीमत 19 रुपए हैं, जितनी इसकी लागत है. जल्द ही इस बोतल की कीमतों को और भी कम करने पर प्रयास किया जाएगा.
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