देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। आए दिन किसानों को नई-नई योजनाओं के अंतर्गत लाभ पहुंचाने के कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने हर भाषणों में किसानों की चर्चा करते हैं और वो कई बार जिक्र भी कर चुके हैं की उनका सपना है 2022 तक किसानों की आय दोगुनी दोगुनी करना। वैसे तो देश में कई ऐसी संस्था है जो किसानों के हित के लिए कार्य कर रही है लेकिन दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) किसानों की आय बढ़ाने में अग्रिम भूमिका निभा रहा है।
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) के तत्कालिन निदेशक डॉ पी.के. गुप्ता ने कहा कि "एनएचआरडीएफ किसानों की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने और उनको, उनके फसल की उचित लाभ की प्रशिक्षण के लिए यहां हमेशा कई तरह के कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है"। आगे उन्होंने कहा कि "दिल्ली में लगभग 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है और हम चाहते हैं किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। वहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली में पेरी-अर्बन खेती को भी एनएचआरडीएफ के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। आखिर में उन्होंने संस्था की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि यहां प्याज की 10 और लहसुन की 16 किस्मों की खोज की गई है और आगे भी ऐसे प्रयास जारी हैं।"
एनएचआरडीएफ में किसानों के लिए समय-समय पर कई तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में दिल्ली के आस-पास के कई किसानों को खेती के लिए जागरूक किया जाता है और खेती से जुड़ी उनकी समस्याओं का हल किया जाता है। ट्रेनिंग में खेती के अलग-अलग क्षेत्र जैसे बागवानी, बीज, मशरूम, डेयरी, मधुमक्खी पालन व अन्य की प्रशिक्षण दी जाती है। यहां के ट्रेनिंग कार्यक्रम में भाग लेकर कई किसानों की आय में वृद्धि हुई है और उनको खेती की सही जानकारी प्राप्त भी हुई है। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र उजवा (दिल्ली) के माध्यम से भी किसानों को काफी मदद मिल रही है और वो यहां से प्रशिक्षण लेकर सफल खेती भी कर रहे हैं।
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