भारतीय किसानो के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है. अब किसानों को खेत में जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. किसान अपने खेत की निगरानी अब घर बैठे ही कर सकेगा. रिलायंस जिओ और सैमसंग कंपनी अपने तकनिकी से इस सपने को साकार करने जा रही है. गुरूवार को जिओ व सैमसंग ने ‘इंडियन मोबाइल कांग्रेस’ में अपने इस तकनिकी का प्रदर्शन किया. साल 2020 तक इस तकनिकी को लोगो तक पहुंचाने का लक्ष्य है.
किसान अपने खेतों में ड्रोन भेजेगा और इस ड्रोन के माध्यम से ही किसान घर बैठे लैपटाप या कंप्यूटर से खेत पर पूरी नजर रख सकेगा. ड्रोन यह भी बताएगा की किसान के खेत में क्या कमी है और किस चीज की ज़रूरत है. ड्रोन के चक्कर लगाने के बाद पता चल जायेगा की खेत की मिटटी की आद्रता कितनी है खेत का तापमान कैसा है और खेत में किस प्रकार के उर्वरक की जरूरत है. उसके बाद किसान ड्रोन के माध्यम से उर्वरक जैसी चीजों का छिड़काव कर सकेंगे. मोबाइल कांग्रेस में इसका लाइव डेमो दिखाया गया. खेत की इस नवीनतम तकनीक के लिए दो बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो एवं सैमसंग ने हाथ मिलाया है. इस माध्यम के लिए जियो की 5जी सेवा तो सैमसंग की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा.
मोबाइल कांग्रेस में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स प्रेसिडेंट और नेटवर्क बिजनेस के प्रमुख योंगकी किम ने कहा कि कंपनी साल 2019 के मार्च तक बड़े पैमाने पर 5जी का ट्रायल करने जा रही है. किम का कहना है की इस तकनिकी के मदद से स्मार्ट खेती, स्मार्ट मैन्यूफैक्चरिंग के लिए स्मार्ट सिटी में किया जाएगा. सैमसंग के द्वारा बनाए 5जी की क्षमता का पूरा उपयोग किया जायेगा. जिससे भारत के कारोबारियों और और किसानों को बहुत लाभ होगा. किम का कहना है की सैमसंग ने रिलायंस जियो के साथ मिलकर 4जी एलटीई को काफी एडवांस बनाया है. इस दीपावली तक यह नेटवर्क 99 प्रतिसत आबादी तक पहुंच जायेगा. उन्होंने बताया कि जियो-सैमसंग एलटीई नेटवर्क प्रतिदिन के डाटा ट्रैफिक के 90 फीसदी पेटाबाइट को हैंडल करता है जो कि सोशल मीडिया पर प्रतिदिन शेयर होने वाले 600 अरब फोटोग्राफ के बराबर हैं.
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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