नए न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत किसानों को सही समय पर उनके उत्पादों की तय राशि उपलब्ध हो जाए जिससे ग्रामीण क्षेत्रों एवं कृषि में नई ऊर्जा का संचार हो सके इसके लिए नीति आयोग के अध्यक्ष रमेश चंद ने लगातार इस दिशा में कार्य करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य नई दिशा देते हुए किसानों के हित में बड़ा काम किया है. परिणामस्वरूप पिछले दो महीने से जिस कार्यप्रणाली पर काम किया गया है इससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल पायेगा साथ ही बड़े - बड़े भंडारों में संगृहीत अनाजों को भी ख़राब होने के पहले प्रयोग में लाया जा सके साथ ही खरीफ के उत्पादित अनाज का भी समयानुसार भंडारण किया जा सके.
आयोग द्वारा बनाये गए नई नीतियां किसानों के लिए कई तरह से फायदेमंद सिद्ध हो सकती है. क्योंकि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा देश की लगभग 600 मंडियों को ऑनलाइन वयवस्था से जोड़ा गया है इस व्यवस्था से किसानों एवं व्यापारियों को भी इस सुविधा का लाभ मिला है. नीति आयोग ने इसके बुनियादी ढांचों को और मजबूत करने पर जोर दिया है और कृषि उत्पादों के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म जो राष्ट्रिय स्तर पर कृषि क्षेत्र का कायाकल्प कर सके. नई नीतियों में इन सभी वयवस्था को ध्यान में रखते हुए किसानों को भी बुआई के साथ साथ बारिश एवं प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं अन्य नई योजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सुधार किया जा सके.
नीति आयोग ने किसानों के साथ साथ कृषि के हर क्षेत्र में विशेष योजनाओं के क्रियान्वयन की कोशिश है और मुख्य रूप से ऑनलाइन मंडियों के साथ साथ प्राकृतिक आपदा से हो रहे नुकसान एवं सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को भीं इस नई नीतिओं के माध्यम से सहायता मिल सके और उनका भी पुनरुथान किया जा सके आयोग के अध्यक्ष रमेश चंद ने बताया की कृषि में जिस तरह से एमएसपी के तहत कृषि मूल्य प्राप्त करने में जिस सुधार का वादा किया गया था, उससे कृषि संकट का समाधान करने और थोक तथा खुदरा मूल्य पर आधारित महंगाई में भी अंतर दूर करने में मदद मिलेगी. इस सुविधा के माध्यम से किसानों के साथ साथ व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा.
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