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19 नदियों को पुनर्जीवित करेंगे मनरेगा मजदूर

नदियों को नया जीवन देने के लिए मनरेगा मजदूरों को गाद हटाने के काम में लगाया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार का ये प्रयास प्रदेश की 19 विलुप्त नदियों को जीवनदान देने के साथ ही साथ प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का भी सृजन करेगा. ये जानकारी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने आईएएनएस न्यूज़ एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में दी.

KJ Staff

नदियों को नया जीवन देने के लिए मनरेगा मजदूरों को गाद हटाने के काम में लगाया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार का ये प्रयास प्रदेश की 19 विलुप्त नदियों को जीवनदान देने के साथ ही साथ प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का भी सृजन करेगा. ये जानकारी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने आईएएनएस न्यूज़ एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में दी.

कोरोनो संकट में बड़ी राहत:

कोरोना संकट के कारण महानगरों से निकलकर बड़ी संख्या में मजदूर उत्तर प्रदेश पहुंच गए हैं. मजदूरों को रोजगार देने के लिए ही प्रदेश सरकार ने 19 नदियों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है. इस योजना पर प्रकाश डालते हुए ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि, लॉकडाउन भले ही कई लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह 19 नदियों के लिए वरदान सरीखा है. इस संकट को अवसर में बदलने के लिए हम मनरेगा के तहत इन प्रवासी मजदूरों को नदियों को पुनर्जीवित करने के काम में लगाएंगे.

इन नदियों का किया जाएगा कायाकल्प:

अतिक्रमण एवम उदासीनता की शिकार नदियों को पुनः उनकी पूर्व दशा में पहुंचाया जाएगा . राजेन्द्र सिंह के अनुसार, कायाकल्प की जाने वाली नदियों में सई, पांडु, मंदाकिनी, टेढ़ी, मनोरमा, वरुणा, ससुर खदेरी, अरेल, मोराओ, तमसा, नाद, कर्णावती, बाण, सोन, काली, दधी, ईशान, बूढ़ी गंगा और गोमती हैं. विदित हो कि इनमें से अधिकांश छोटी नदियां हैं.जैसे कि, रूहेलखंड क्षेत्र में अरेल बहती है. सई नदी उन्नाव, हरदोई और लखनऊ से होकर गुजरती है. लापरवाही के कारण इनमें से कुछ नदियां लुप्त हो गई हैं. हम इन्हें पुनर्जीवित करने के लिए मनरेगा कार्यबल का उपयोग करेंगे." बता दें कि ये नदियां बहराइच, गोंडा, बस्ती, औरैया, कन्नौज, कानपुर, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी, कौशांबी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, लखनऊ, जौनपुर, लखीमपुर, सीतापुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, चित्रकूट, अयोध्या, अंबेडकरनगर, मिजार्पुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज और अमरोहा इत्यादि  39 जनपदों के मध्य से होकर गुजरती हैं.

बदल जाएगी प्रदेश की तस्वीर:

19 नदियों को पुनर्जीवित करने की इस योजना के प्रभावों पर चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे काम आगे बढ़ेगा, हम देखेंगे कि नदियों को सिंचाई सुविधा बढ़ाने और बाढ़ से होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने के लिए जोड़ा जा सकता है या नहीं.ग्रामीण विकास विभाग जल शक्ति मंत्रालय के साथ समन्वय में काम करेगा.प्रधान सचिव (ग्रामीण विकास) की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय समिति का गठन किया गया है.उन्होंने बताया कि, "हर जिले में प्रवासी मजदूर उपलब्ध हैं और श्रम की आसान उपलब्धता से परियोजना को गति मिलेगी। हम मानसून की शुरुआत से पहले काम का एक बड़ा हिस्सा पूरा कर लेना चाहते हैं."

मुख्यमंत्री ने भी दिखाई थी दिलचस्पी:

नदियों को पुनर्जीवित करने की योजना में प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी रुचि दिखाई थी.ध्यान रहे कि मार्च 2017 में कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नदियों को पुनर्जीवित करने की बात कही थी. उन्होंने इसे  प्राथमिकता में शामिल किया, क्योंकि इसका कृषि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार में भी गोमती नदी को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया था.

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English Summary: New life to 19 rivers in Uttar Pradesh Published on: 01 June 2020, 08:15 PM IST

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