खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एकीकृत शीत श्रृंखला परियोजनाओं के नव-आवंटन कर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज बदलाव के लिए एकीकृत शीत श्रृंखला परियोजनाओं की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया। हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि वार्षिक रूप से फसल बाद होने वाले नुकसान, जिसका मौजूदा स्तर 92 हजार करोड़ रुपये वार्षिक है, उसकी चुनौती के मद्देनजर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 42 मेगा फूड पार्क और 234 शीत श्रृंखला परियोजनाओं जैसी सुविधाएं शुरू की हैं। इस कदम से 139 लाख मिट्रिक टन कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता बढ़ी है, जिसके कारण फसल बाद नुकसानों में काफी कमी आई है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति को तैयार करने और उसे क्रियान्वित करने पर विचार कर रहा है। इसके तहत मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में फलों और सब्जियों के उत्पादन वाले क्षेत्रों की मैपिंग करने का प्रस्ताव किया है।राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत मंत्रालय जल्द ही खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय मिशन में संशोधन करेगा, ताकि मेगा फूड पार्क का काम पूरा हो सके। इसके अलावा तीन नई योजनाएं- खाद्य प्रसंस्करण एवं संरक्षण क्षमता सृजन/ विस्तार, नव कृषि-प्रसंस्करण कलस्टर आदि शुरू की जायेंगी।
एकीकृत शीत श्रृंखला परियोजनाओं की स्थापना की आवश्यकता
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एकीकृत शीत श्रृंखला परियोजनाओं के नव-आवंटन कर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के तेज बदलाव के लिए एकीकृत शीत श्रृंखला परियोजनाओं की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया। हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि वार्षिक रूप से फसल बाद होने वाले नुकसान, जिसका मौजूदा स्तर 92 हजार करोड़ रुपये वार्षिक है, उसकी चुनौती के मद्देनजर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 42 मेगा फूड पार्क और 234 शीत श्रृंखला परियोजनाओं जैसी सुविधाएं शुरू की हैं। इस कदम से 139 लाख मिट्रिक टन कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता बढ़ी है, जिसके कारण फसल बाद नुकसानों में काफी कमी आई है।
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