1. Home
  2. ख़बरें

National Science Day: विज्ञान ने दिया आधुनिक खेती करने का आसान तरीका, जानिए कृषि में इसका महत्व

देशभर में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इस दिन देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ का आविष्कार किया था. इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसकी खोज के सम्मान में ही साल 1986 से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाने लगा. भारत सरकार ने उन्हें साल 1954 में भारत रत्न से भी नवाज़ा था. इस पुरस्कार को लेने वाले वह एशिया के पहले वैज्ञानिक बने थे. बता दें कि इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम 'Women in Science' रखी गई है. इस दिन विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज और प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम होते हैं.

कंचन मौर्य
national science day

देशभर में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इस दिन देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ का आविष्कार किया था. इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.  इसकी खोज के सम्मान में ही साल 1986 से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाने लगा. भारत सरकार ने उन्हें साल 1954 में भारत रत्न से भी नवाज़ा था. इस पुरस्कार को लेने वाले वह एशिया के पहले वैज्ञानिक बने थे. बता दें कि इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम 'Women in Science'  रखी गई है. इस दिन विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज और प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम होते हैं.

कौने थे सर सीवी रमन

सीवी रमन का जन्म 7 नवंबर साल 1888 को ब्रिटिश भारत में तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी (तमिलनाडु) में हुआ था. उन्होंने विज्ञान के प्रति बहुत लगाव था, इसलिए वह इंडियन एशोसिएशन फार कल्टीवेशन आफ साइंस और कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में शोध करने लगे. उनके कई मुख्य आविष्कार हैं, जिनमें स्टील की स्पेक्ट्रम प्रकृति, स्टील डाइनेमिक्स, हीरे की संरचना समेत कई रंगदीप्त पदार्थों के प्रकाशीय आचरण पर शोध शामिल हैं. दुनियाभर के लोगों के लिए सर सीवी रमन प्रेरणास्रोत हैं.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य

इस दिवस का उद्देश्य है कि युवाओं को विज्ञान क्षेत्र में और उन्नति लाने के लिए प्रेरित किया जाए. उन्हें नए प्रयोगों, विज्ञान के प्रति आकर्षित और वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाया जाए. यह विज्ञान की ही देन है, जो आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. विज्ञान की उन्नति ने ही हमारे जीवन स्तर को खुशहाल बनाया है.

कृषि में विज्ञान का महत्व

कृषि में विज्ञान का अहम योगदान है. विज्ञान के समुचित उपयोग से ही कृषि को लगातार उन्नति की राह पर ले जाया जा रहा है. शायद वर्तमान में विज्ञान के बिना कृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है. वैज्ञानिक सिद्धांतों और विधियों के प्रयोग से आधुनिक कृषि की शुरुआत हो चुकी है, जो कृषि क्षेत्र को मजबूती दे रहा है. वैज्ञानिक तकनीकों से ही किसानों की खेती में कम लागत लगती है. पहले किसानों पर आर्थिक भार भी अधिक पड़ता था, लेकिन अब किसानों के लिए कृषि से जुड़ी समस्याओं का समाधान विज्ञान ने कई तरह की नई तकनीक लाकर कर दिया है. इससे उन्हें खेती करने का सही वैज्ञानिक मार्गदर्शन मिलता है. आज कई ऐसी तकनीक हैं, जिनसे किसानों को खेत, फसल, जलवायु, तापमान, बाजार, मंडी समेत कई अन्य जानकारियां मिनटों में मिल जाती हैं. इसमें शायद कोई शक नहीं है कि आज विज्ञान से ही किसानों को खेती में मुनाफा प्राप्त हो रहा है.

ये खबर भी पढ़ें:किसान नीम से बनाएं जैविक कीटनाशक, मिलेगी बेहतर उपज

English Summary: national science day is celebrated on 28 february in the country Published on: 28 February 2020, 11:37 AM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News