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किसान नीम से बनाएं जैविक कीटनाशक, मिलेगी बेहतर उपज

फसल को कीट और रोगों से बचाकर रखना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है. इसके लिए किसान कई तरह के रासायनिक तरीके भी अपनाते हैं. इन रसायनों के उपयोग से खेत की ज़मीन, भूमिगत जल, मानव स्वास्थ्य, फसल की गुणवत्ता और पर्यावरण को भी हानि पहुंचती है. ऐसे में बिहार के मुंगेर में नाबार्ड की तरफ से किसानों के लिए एक तकनीक बताई गई, जिससे किसान अपनी फसल को कीट के प्रभाव से बचा सकता है.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य
Neem plant
Neem

फसल को कीट और रोगों से बचाकर रखना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है. इसके लिए किसान कई तरह के रासायनिक तरीके भी अपनाते हैं. इन रसायनों के उपयोग से खेत की ज़मीन, भूमिगत जल, मानव स्वास्थ्य, फसल की गुणवत्ता और पर्यावरण को भी हानि पहुंचती है. ऐसे में बिहार के मुंगेर में नाबार्ड की तरफ से किसानों के लिए एक तकनीक बताई गई, जिससे किसान अपनी फसल को कीट के प्रभाव से बचा सकता है.

आपको बता दें कि बिहार के किसानों के लिए नाबार्ड की तरफ से एक शिविर का आयोजन किया गया है. इस शिविर को ऋषि कुंड क्लाइमेट प्रूफिंग परियोजना के तरह लगाया गया है. इस शिविर में नाबार्ड के कई कृषि वैज्ञानिक शामिल हुए है, जो किसानों को खेती से जुड़े कई प्रशिक्षणों से अवगत करा रहे हैं. यह चार दिवसीय शिविर है. इस शिविर के पहले दिन किसानों को पोषण सुरक्षा के विकास पर प्रशिक्षण दिया गया है.

किसान नीम का करें प्रयोग (Farmers use neem)

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को जैविक विधि से खेती करनी चाहिए. इस विधि में अगर नीम के पत्ते, नीम की खल्ली और नीम के तेल का प्रयोग करेंगे, तो किसान अपनी फसल को कीटों के प्रकोप से बचा सकते हैं. इस तरह फसल से काफी शुद्ध अन्न की उपज प्राप्त होगी, साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होगी.  

नीम रखेगा फसल को सुरक्षित (Neem will keep the crop safe)

अगर फसलों पर कीटों का प्रकोप हो गया है, तो सबसे पहले नीम के पत्ते को ठंड में सूखाकर रात भर पानी में डूबा कर रखें. इसके बाद उस पानी को पौधों पर छिड़क दें. इस तरह फसल पर कीट का प्रभाव नहीं होगा. बता दें कि बैगन के पौधों को तना छेदक कीट बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में बैगन के पौधों पर नीम के तेल का स्प्रे कर देना चाहिए. इससे कीटों का प्रकोप कम हो जाता है. इसी तरह आम के पौधों में मंजर को मधवा कीट हानि पहुंचाते हैं, इसलिए 8 से 10 गज के बीच में 2 फॉर फेरोमेन ट्रैप को रख दें, ताकि उसमें मधवा कीट आकर्षित होकर फस जाए और मर जाए. इसके अलावा शिविर में जैविक विधि पर काफी जोर दिया गया. इसके साथ ही कृषि से जुड़े कई अन्य तरीके भी बताए गए.

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किसानों को मिलेगा लाभ (Farmers will get benefit)

किसान नीम से कीटनाशक तैयार करते हैं, तो उन्हें काफी लाभ मिलेगा. बता दें कि अगर किसान 1 हैक्टेयर खेत में रासायनिक कीटनाशक का छिड़काव करते हैं, तो उनका कम से कम 1000 रुपये खर्च होता है. इसके साथ ही रासायनिक कीटनाशकों से फसल का स्वास्थ्य भी खराब होता है. इसके अलावा खेत की मिट्टी में खराब होची है, लेकिन फसल को कीट और रोगों से बचाने के लिए नीम बहुक अच्छा उपाय है. गांवों में नीम आसानी से मिल जाता है. अगर किसान नीम से कीटनाशक तैयार करते हैं, तो उन पर आर्थिक भार भी नहीं पड़ता है.

English Summary: farmers make organic pesticides from neem Published on: 27 February 2020, 11:26 IST

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